बजरंगी महाराज,
तुम्हे भक्त बुलाते है,
तुम्हे शीश झुकाते है ॥
अज्ञान बालक है,
चरणों के पायक है,
तू ही सिरमौर है,
नादान बिलकुल है,
ये बात सच्ची है,
तेरे बिन नहीं और है,
बैठे ले उम्मीद,
तुमको आज रिझाते है,
तुम्हे शीश झुकाते है ॥
तुम वीर बलकारी,
शंकर के अवतारी,
अजब तेरी शान है,
तू राम का प्यारा,
तू श्याम का प्यारा,
बड़ा तू गुणवान है,
जल्दी आ जाओ,
तेरी ज्योत जलाते है,
तुम्हे शीश झुकाते है ॥
भक्ति का दाता है,
शक्ति का दाता है,
वीर बलधारी हो,
जो भी शरण आया,
खाली ना लौटाया,
बड़े उपकारी हो,
अभय दान दे दो,
यही आस लगाते है,
तुम्हे शीश झुकाते है ॥
दीनो के हितकारी,
अर्जी सुनो म्हारी,
प्रभु सिर हाथ धरो,
लेकर तुम्हारा नाम,
करते तुम्हे प्रणाम,
हमें भव पार करो,
‘जयराम’ बलिहारी,
तुम्हे भजन सुनाते है,
तुम्हे शीश झुकाते है ॥
बजरंगी महाराज,
तुम्हे भक्त बुलाते है,
तुम्हे शीश झुकाते है ॥
विनायक चतुर्थी एक अत्यधिक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो भगवान गणेश की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार हर महीने में दो बार आता है जिसमें शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है।
कहते हैं जब भगवान पर आस्था होती है तो आपकी जिंदगी भगवान की हो जाती है। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती के रहने वाले हंसराज बाबा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उन्होंने अपनों से मिले दुख और अन्याय के कारण अपने जीवन को वैराग्य की ओर मोड़ दिया।
13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। वहीं, मकर संक्रांति के पवित्र स्नान पर करोड़ो साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने यहां आस्था की डुबकी भी लगाई है। कुंभ नगरी में बड़ी संख्या में देशभर से साधु-संत भी पहुंचे हैं।
महाकुंभ 2025 में, गंगापुरी महाराज अपनी हाइट को लेकर सुर्ख़ियों में हैं और आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। उनकी हाइट महज 3 फिट है। इतनी लंबाई महज पांच-छह साल के बच्चे की होती है।