यह तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है।
यहाँ सर देके होते सौदे,
आशकी इतनी सस्ती नहीं है॥
प्रेम वालों ने कब वक्त पूछा,
उनकी पूजा में सुन ले ए उधो।
यहाँ दम दम में होती है पूजा,
सर झुकाने की फुर्सत नहीं है॥
॥ यह तो प्रेम की बात है उधो...॥
जो असल में हैं मस्ती में डूबे,
उन्हें क्या परवाह ज़िन्दगी की।
जो उतरती है चढ़ती है मस्ती,
वो हकीकत में मस्ती नहीं है॥
॥ यह तो प्रेम की बात है उधो...॥
जिसकी नजरो में है श्याम प्यारे,
वो तो रहते हैं जग से न्यारे।
जिसकी नज़रों में मोहन समाये,
वो नज़र फिर तरसती नहीं है॥
॥ यह तो प्रेम की बात है उधो...॥
यह तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है।
यहाँ सर देके होते सौदे,
आशकी इतनी सस्ती नहीं है॥
वैशाखी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे विशेष रूप से पंजाब और उत्तर भारत में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख महीना हिन्दू वर्ष का का दूसरा महीना होता है। यह महीना विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है।
सनातन धर्म में वैशाख महीने का बहुत ही अधिक धार्मिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने वैशाख महीने को सबसे श्रेष्ठ महीनों में से एक बताया है।
वर्ष 2025 का चौथा महीना चल रहा है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हिन्दू वर्ष का पहला महीना चैत्र चल रहा है, और कुछ ही दिनों में यह खत्म भी होने वाला है।