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कान्हा तेरी कबसे बाट निहारूं - भजन (Kanha Teri Kabse Baat Niharun)

कान्हा तेरी कबसे बाट निहारूं - भजन (Kanha Teri Kabse Baat Niharun)

कान्हा तेरी कबसे,

बाट निहारूं,

बाट निहारू तुझे,

पल पल पुकारूँ ॥


बांध ली कान्हा तोसे,

प्रीत की डोरी,

सुलझे ना मोसे अब,

उलझन मोरी,

हरदम याद सताती है,

अखियां जल बरसाती है,

कान्हा तेरी कब से,

बाट निहारूं,

बाट निहारू तुझे,

पल पल पुकारूँ ॥


होके तेरी सुख,

चैन गवाया,

इसके सिवा मैंने,

कुछ नहीं पाया,

मोहे बस तू मिल जाए रे,

चाहे सब कुछ छीन जाए रे,

कान्हा तेरी कब से,

बाट निहारूं,

बाट निहारू तुझे,

पल पल पुकारूँ ॥


दिल में बिठाना चाहे,

चरणी लगाना,

अपने करीब पर,

दे दो ठिकाना,

ना तोसे दूर है जाना रे,

समझ ले इतना कान्हा रे,

कान्हा तेरी कब से,

बाट निहारूं,

बाट निहारू तुझे,

पल पल पुकारूँ ॥


कान्हा तेरी कबसे,

बाट निहारूं,

बाट निहारू तुझे,

पल पल पुकारूँ ॥


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भोले बाबा का ये दर (Bhole Baba Ka Ye Dar)

भोले बाबा का ये दर,
भक्तों का बन गया है घर,

भोले बाबा की निकली बारात है (Bhole Baba Ki Nikli Baraat Hai)

भोले बाबा का ये दर,
भक्तों का बन गया है घर,

भोले बाबा ने पकड़ा हाथ (Bhole Baba Ne Pakda Hath)

भोले बाबा ने पकड़ा हाथ,
की रहता हर पल मेरे साथ,

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू (Bhole Baba Ne Yuhi Bajaya Damru)

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥

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