भोले तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है,
हे शिव शम्भू भोले शंकर,
नाम जपूँ नित तेरा बन कर,
भोलें तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है ॥
भोले तेरे दर पे,
आस लेके आया हूँ,
किस्मतों का मारा मैं,
विश्वास लेके आया हूँ,
किस्मतो की डोर अब,
तेरे ही सहारे है,
अंधरे भी ओझल तेरे,
नाम से उजाले है,
भोलें तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है ॥
तू ही है धरम मेरा,
तू ही है करम मेरा,
तू ही है किनारा ,
तू ही है सहारा,
तू ही है हमारा देव,
तेरे ही जाप से कटते पाप मेरे,
तू ही है किनारा,
तू ही है सहारा,
तू ही है हमारा देव ॥
भोले तेरे नाम से,
मेरी ये कहानी है,
तेरी ही कृपा से रोशन,
मेरी ज़िंदगानी है,
तेरी ही कृपा से रोशन,
मेरा ये जहाँ है,
तेरी ही कृपा ना हो तो,
मैं कुछ कहाँ हूँ,
भोलें तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है ॥
भोले तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है,
हे शिव शम्भू भोले शंकर,
नाम जपूँ नित तेरा बन कर,
भोलें तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है ॥
गोमूत्र को ना केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभकारी माना गया है। गोमूत्र में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो मानव शरीर और पर्यावरण दोनों के लिए उपयोगी होते हैं। हालांकि, सभी गायों का गोमूत्र पवित्र नहीं माना गया है केवल कामधेनु गाय का गोमूत्र ही पवित्र माना जाता है।
जब भी शुभ कार्य किया जाता है तो सबसे पहले भगवान गणेश जी का ही पूजन होता है। गणेश जी से भक्त सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं। इसके अलावा किसी भी पूजा या अनुष्ठान में भी सबसे पहले गणपति को ही याद किया जाता है। कहते हैं कि यदि शुभ कार्य से पहले गणेश जी का आशीर्वाद लिया जाए तो कार्य में कोई बाधा नहीं आती।
भगवान हनुमान की पूजा में सिंदूर चढ़ाने का विशेष महत्व है। मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की आराधना में सिंदूर का प्रयोग अनिवार्य माना गया है। हनुमान जी की अधिकांश प्रतिमाओं में उन्हें केसरिया रंग के सिंदूर लगाया हुआ देखा जाता है।
शिवपुराण में कहा गया है कि भगवान शिव स्वयं जल के रूप में विद्यमान हैं। जल को जीवन का आधार माना गया है और शिवलिंग पर जल चढ़ाने से इसका महत्व समझा जा सकता है।