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अजब हैरान हूं भगवन! तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं: भजन (Ajab Hairan Hoon Bhagawan Tumhen Kaise Rijhaon Main)

अजब हैरान हूं भगवन! तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं: भजन (Ajab Hairan Hoon Bhagawan Tumhen Kaise Rijhaon Main)

अजब हैरान हूं भगवन!

तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।

कोई वस्तु नहीं ऐसी,

जिसे सेवा में लाऊं मैं ॥


करें किस तौर आवाहन कि,

तुम मौजूद हो हर जां ।

निरादर है बुलाने को,

अगर घंटी बजाऊं मैं ॥


तुम्हीं हो मूर्ति में भी,

तुम्हीं व्यापक हो फूलों में ।

भला भगवान पर,

भगवान को कैसे चढाऊं मैं ॥


लगाना भोग कुछ तुमको,

यह एक अपमान करना है ।

खिलाता है जो सब जग को,

उसे कैसे खिलाऊं मैं ॥


तुम्हारी ज्योति से रोशन हैं,

सूरज-चांद और तारे ।

महा अन्धेर है कैसे तुम्हें,

दीपक दिखाऊं मैं ॥


भुजाएं हैं। न गर्दन है,

न सीना है न पेशानी ।

तुम हो निर्लेप नारायण,

कहां चंदन लगाऊँ मैं ॥


बड़े नादान है वे जन,

जो गढ़ते आपकी मूरत ।

बनाता है जो सब जग को,

उसे कैसे बनाऊँ मैं ॥


अजब हैरान हूं भगवन!

तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।

कोई वस्तु नहीं ऐसी,

जिसे सेवा में लाऊं मैं ॥


अजब हैरान हूं भगवन!

तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।

कोई वस्तु नहीं ऐसी,

जिसे सेवा में लाऊं मैं ॥


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कुंभ मेले के आस-पास घूमने की जगहें

जनवरी से कुंभ स्नान और मेला शुरू होने जा रहा है, खास बात यह है कि यह 'महाकुंभ' है, जिसका मुहूर्त 144 साल बाद आ रहा है। अनुमान है कि इस विशाल आयोजन में करीब 40 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे।

शाही स्नान के बाद क्या करना चाहिए?

महाकुंभ की शुरुआत में अब कुछ ही समय बाकी है, और इसमें शाही स्नान का महत्व अत्यधिक है। 12 साल में एक बार होने वाला यह महाकुंभ, न केवल शरीर की शुद्धि के लिए बल्कि आत्मिक उन्नति के लिए भी एक खास अवसर है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शाही स्नान से व्यक्ति के सभी पाप और कष्ट नष्ट हो जाते हैं, और देवी-देवता भी इस समय धरती पर आते हैं।

कुंभ मेले में अपने साथ रखें ये सामान

कुंभ के दिव्य स्नान और आध्यात्मिक अनुष्ठानों के लिए श्रद्धालुओं की धड़कनें बढ़ चुकी हैं। ट्रेन, बस और होटलों की बुकिंग में भी बेतहाशा रफ्तार आई है, क्योंकि लाखों लोग इस ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं।

महाकुंभ 2025 में किन बातों का रखें ध्यान

कुम्भ मेला एक ऐसा अवसर है जब श्रद्धालु पुण्य अर्जित करने के लिए संगम स्नान, दान और ध्यान करते हैं। इस पवित्र अवसर पर यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि हम कोई ऐसा कार्य न करें जिससे पाप का अर्जन हो जाए।

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