भटकूं क्यों मैं भला,
संग मेरे है सांवरा,
जब तूफानों ने रुलाया,
लिले चढ़कर श्याम आया,
मुस्कुरा कर मुझसे बोला,
मैं तेरा हूँ मैं तेरा,
भटकूँ क्यों मैं भला,
संग मेरे है सांवरा ॥
श्याम जबसे है मिला,
फुल मधुबन का खिला,
लाख पतझड़ सर खड़ा था,
मैं बहारों में पला,
जब कभी मैं लडखडाया,
साया बनकर श्याम आया,
सर पे रख के हाथ बोला,
मैं तेरा हूँ मैं तेरा,
भटकूँ क्यों मैं भला,
संग मेरे है सांवरा ॥
जिंदगी वीरान थी,
हर गली सुनसान थी,
श्याम के चलते ही मुझको,
दुनिया अब पहचानती,
दीप खुशियों का जलाया,
चरणों में अपने बैठाया,
ले शरण फिर श्याम बोला,
मैं तेरा हूँ मैं तेरा,
भटकूँ क्यों मैं भला,
संग मेरे है सांवरा ॥
सांसे मेरी श्याम से,
श्याम ही मेरा जहान,
रिश्ते दुनिया में बहुत है,
श्याम सा रिश्ता कहाँ,
बनके बाबुल श्याम आया,
कंधे से कन्धा मिलाया,
सर झुकाकर मैं बोला,
तू मेरा बस तू मेरा,
भटकूँ क्यों मैं भला,
संग मेरे है सांवरा ॥
भटकूं क्यों मैं भला,
संग मेरे है सांवरा,
जब तूफानों ने रुलाया,
लिले चढ़कर श्याम आया,
मुस्कुरा कर मुझसे बोला,
मैं तेरा हूँ मैं तेरा,
भटकूँ क्यों मैं भला,
संग मेरे है सांवरा ॥
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय गङ्गाधर हर, जय गिरिजाधीशा।
त्वं मां पालय नित्यं, कृपया जगदीशा॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥