आजा माँ आजा माँ एक बार,
मेरे घर आजा माँ,
मैंने मन मंदिर में मैया,
तेरी ज्योत जगाई,
करके शेर सवारी,
आजा इक बारी महामाई,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
मेरे सुने आँगन में माँ,
खुशियाँ तू बरसा दे,
करुणामई ऐ जगदम्बे माँ,
सोया भाग जगा दे,
मैंने सारी दुनिया देखि,
मुझे ना कोई भाया,
शाम सवेरे मैंने मैया,
तेरा ही गुण गाया,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
दर्शन को ये नैना तरसे,
आके दर्श दिखाओ,
कब से देखे राह तुम्हारी,
इनकी प्यास बुझाओ,
थोड़ी सी किरपा कर दे,
बेटी तुझे पुकारे,
हाथ दया का सिर पे रख दे,
कर दे वारे न्यारे,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
ताने मारेगी ये दुनिया,
जो माँ तू ना आई,
मेरा कुछ ना जाएगा,
तेरी होगी माँ रुसवाई,
सदा रहेंगे अम्बे मैया,
बन के तेरे पुजारी,
‘धामा और शर्मा’ ने माँ,
चरणों में अर्ज गुजारी,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
आजा माँ आजा माँ एक बार,
मेरे घर आ जा माँ,
मैंने मन मंदिर में मैया,
तेरी ज्योत जगाई,
करके शेर सवारी,
आजा इक बारी महामाई,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
गोवर्धन पूजा के दिन भक्त गोवर्धन महाराज की नाभि पर दीपक जलाते हैं। इस प्रथा के पीछे भगवान कृष्ण से जुड़ी एक रोचक कथा है।
भाई दूज का पर्व पांच दिवसीय दीपोत्सव का अंतिम दिन है। जिसे कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई का तिलक करती हैं, यमराज की पूजा करती हैं और उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं।
माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ है। इन्हें देवताओं के मुख्य लेखपाल और यम के सहायक के रूप में पूजा जाता है।
माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ है। इन्हें देवताओं के मुख्य लेखपाल और यम के सहायक के रूप में पूजा जाता है।