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Main Balak Tu Mata Sherawaliye (मैं बालक तू माता शेरां वालिए)

Main Balak Tu Mata Sherawaliye (मैं बालक तू माता शेरां वालिए)

मैं बालक तू माता शेरां वालिए,

है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।

शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,

मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥

॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥


तेरी ममता मिली है मुझको, तेरा प्यार मिला है,

तेरे आँचल की छाया में मन का फूल खिला है।

तुने बुद्धि, तुने साहस, तुने ज्ञान दिया

मस्तक ऊँचा करके जीने के वरदान दिया माँ।

तू है भाग्य विधाता, मैं बालक तू माता शेरां वालिए॥

॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥


जब से दो नैनो में तेरी पावन ज्योत समायी,

मंदिर मंदिर तेरी मूरत देने लगी दिखाई ।

ऊँचे पर्वत पर मैंने भी डाल दिया है डेरा,

निशदिन करे जो तेरी सेवा मैं वो दास हूँ तेरा ।

रहूँ तेरे गुण गाता, मैं बालक तू माता शेरां वालिए ॥


मैं बालक तू माता शेरां वालिए,

है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।

शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,

मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥

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आमलकी एकादशी पर आंवल के उपाय

हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी मनाई जाती है। आमलकी एकादशी का व्रत स्त्री और पुरुष दोनों रखते हैं। इस शुभ अवसर पर साधक व्रत रख भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा करते हैं।

नरसिंह द्वादशी व्रत विधि

नरसिंह द्वादशी सनातनियों का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपने प्रिय भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने रौद्र रूप में अवतार लिया था, जिन्हें लोग आज नरसिंह भगवान के रूप में पूजते हैं।

नरसिंह द्वादशी के उपाय

हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है जो कि इस साल 10 मार्च 2025, फाल्गुन, शुक्ल द्वादशी को पड़ रहा है।

नरसिंह द्वादशी 2025 तिथि और महत्व

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के अवतार भगवान नरसिंह भगवान की पूजा करने की परंपरा है।

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