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नरसिंह द्वादशी के उपाय

नरसिंह द्वादशी के उपाय

Narasimha Dwadashi Upay: नरसिंह भगवान को चढ़ा दें ये खास चीज, शत्रु नहीं करेगा परेशान, होगी तरक्की



हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है जो कि इस साल 10 मार्च 2025, फाल्गुन, शुक्ल द्वादशी को पड़ रहा है। नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के सिंह अवतार की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था। तभी से इस दिन को भगवान नृसिंह की जयंती के रूप में मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आप भी किसी की यातनाओं से परेशान हैं तो इस दिन कुछ अचूक उपाय करने से अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं-


भगवान को चढ़ाएं ये खास चीज



  • दूध: नरसिंह भगवान का स्मरण कर कच्चे दूध से श्रीहरि का अभिषेक करें। मान्यता है इससे दुश्मन पर विजय प्राप्त होती है।
  • नागकेसर: नरसिंह द्वादशी के दिन विष्णु जी को पूजा में नागकेसर चढ़ाएं। अगले दिन इसे तिजोरी या किसी धन स्थान पर रख दें। कहते हैं कि इससे आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
  • पंचामृत: नरसिंह भगवान को पंचामृत का भोग बहुत ही प्रिय है। इसमें तुलसी दल जरूर डालें। मान्यता है इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। साथ ही घर में सुख-शांति का भी वास होता है।
  • गुलाल: होली से पहले नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु को गुलाल जरूर अर्पित करें। यह उपाय हर कार्य में सफलता प्रदान करता है। मान्यता है इससे कानूनी मामलों में जीत हासिल होती है।
  • मोरपंख: अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, तो इस दिन विष्णु मंदिर में जाकर मोरपंख चढ़ाएं। इससे आपको तुरंत लाभ होगा।
  • नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु पर चढ़ाए गए चंदन को रोगी व्यक्ति के ललाट पर लगा दें। इससे रोग शांत होने लगेगा।
  • नारियल: किसी झूठे विवाद या इल्जाम में फंस गए हैं तो इस दिन भगवान नरसिंह को नारियल अर्पित करें। जल्दी ही आप देखेंगे कि भगवान विष्णु ने आपको हर तरह की मुसीबत से उबार दिया है।


इस मंत्र का जाप करें



संध्या के समय नरसिंह कथा पढ़ने और मंत्रों का जाप करने से घर में चल रहे हर संकट का नाश होता है। दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाएं, भगवान नरसिंह के रूप का मन ही मन ध्यान करें। गौधुली बेला में भगवान नरसिंह के इन मंत्रों का जाप करें।

ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥ नृम नृम नृम नर सिंहाय नमः।

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ऋषि गौतम (Rishi Gautam)

गौतम का उल्लेख ऋग्वेद में अनेक बार हुआ है, किन्तु किसी ऋचा के रचयिता के रूप में गौतम को कभी नहीं देखा गया।

महामाया शक्तिपीठ, अमरनाथ, जम्मू-कश्मीर (Mahamaya Shaktipeeth, Amarnath, Jammu and Kashmir)

म्मू- कश्मीर स्थित अमरनाथ की बर्फीली पहाड़ियों के बीच विश्व प्रसिद्ध बर्फीले शिवलिंग के अलावा अमरनाथ धाम, महामाया शक्तिपीठ भी भक्तों के बीच बेहद लोकप्रिय है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने अपनी पत्नी पार्वती को इसी स्थान पर अमरत्व का पाठ पढ़ाया था।

फुलारा शक्तिपीठ, बीरभूम, पश्चिम बंगाल (Phulara Shaktipeeth, Birbhum, West Bengal)

माँ फुलारा शक्तिपीठ या अट्टहास शक्तिपीठ सबसे प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है, जहां मां सती का "निचला होंठ" गिरा था।

बहुला शक्तिपीठ, बर्धमान, पश्चिम बंगाल (Bahula Shaktipeeth, Bardhaman, West Bengal)

मां बहुला मंदिर बर्धमान स्थित कटवा से 8 किलोमीटर की दूरी पर केतु ग्राम में अजय नदी के तट पर स्थित है।

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