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ज्येष्ठ पूर्णिमा के उपाय

ज्येष्ठ पूर्णिमा के उपाय

Jyeshtha Purnima Upay: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें ये आसान उपाय, पाएं मां लक्ष्मी की कृपा व धन लाभ 

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पूर्णिमा स्नान, दान और व्रत के साथ-साथ विशेष उपायों के लिए भी श्रेष्ठ मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए विशेष उपायों से धन लाभ के योग बनते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा सहज रूप से प्राप्त होती है। साल 2025 में उदया तिथि के अनुसार व्रत, पूजन और उपाय 11 जून 2025 को ही किए जाएंगे। 

चंद्रमा को दें अर्घ्य 

ज्येष्ठ पूर्णिमा चंद्रमा से संबंधित होती है। इस दिन चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य देना विशेष फलदायी माना गया है। इस उपाय से मानसिक तनाव कम होता है और चंद्र दोष से राहत मिलती है।

  • अर्घ्य देने के लिए दूध, चावल और चंदन या केसर मिलाकर तांबे के लोटे में रखें।
  • अर्घ्य देते समय ‘ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः चन्द्रमसे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।

मां लक्ष्मी की विशेष पूजा

इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा लाल वस्त्र पहनकर करें। इस उपाय से धन की स्थिरता और आय में वृद्धि होती है।

  • लाल फूल और कौड़ियां अर्पित करें। 
  • ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जाप करें।
  • रात को घर के उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक जलाएं और लक्ष्मी जी की आरती करें।

भगवान विष्णु का दुग्धाभिषेक

विष्णु भगवान को लक्ष्मीपति माना जाता है। इस उपाय से धन के साथ-साथ बुद्धि और विवेक का विकास होता है।

  • सफेद वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की प्रतिमा पर दूध से अभिषेक करें।
  • साथ ही, ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जाप करें।

पीपल के वृक्ष को अर्पित करें अर्घ्य

पीपल वृक्ष को विष्णु और लक्ष्मी का निवास स्थान माना जाता है। यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है और धन के रुके कार्यों को गति देता है।

  • इस दिन पीपल के वृक्ष को दूध और पानी का मिश्रण चढ़ाएं।
  • सात बार परिक्रमा करें और दीपक जलाएं।

ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात को घर के प्रत्येक कोने में जलाएं दीपक

रात को घर के प्रत्येक कोने में देसी घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं। जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में मां लक्ष्मी का वास बना रहता है।

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क्यों मनाते हैं गणेश जयंती

गणेश जयंती भगवान गणेश जी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार यह पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है।

गणेश जयंती पूजा विधि

सनातन हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान गणेश जी का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इसे श्रीगणेश के अवतरण-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कब है गणेश जयंती

प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी अथवा वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

इस मंदिर में होती है गुप्त नवरात्रि पर तंत्र-साधना

सनातन हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है।

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