हिंदू पंचांग का चौथा महीना ‘आषाढ़’ धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र और विशेष फलदायक माना गया है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसमें देवशयनी एकादशी, गुप्त नवरात्रि, रथयात्रा जैसे कई महत्वपूर्ण पर्व आते हैं। वर्ष 2025 में आषाढ़ मास का आरंभ 12 जून से हो रहा है और यह 10 जुलाई को समाप्त होगा।
आषाढ़ माह भगवान विष्णु की उपासना और ध्यान का विशेष काल माना जाता है। इस महीने में ‘देवशयनी एकादशी’ आती है, जिस दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस एकादशी से ‘चातुर्मास’ की शुरुआत होती है, जो चार महीनों तक चलता है और इस दौरान सभी मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। यह समय आत्मशुद्धि, ध्यान और भक्ति का होता है।
आज 30 अप्रैल 2025 वैशाख माह का अठारहवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष तिथि तृतीया है। आज बुधवार का दिन है। इस तिथि पर शोभन योग रहेगा।
मई का महीना प्रगति और समर्पण का प्रतीक है, जब लोग अपने अप्रैल में बनाए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। इस महीने में लोग अपने करियर में नए अवसरों का लाभ उठाने, अपने सपनों को साकार करने और जीवन के नए अध्यायों में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहते हैं।
मई का महीना गर्मी की शुरुआत का प्रतीक है, जब प्रकृति अपने नए रूप में खिल उठती है। यह वह समय होता है जब जीवन में नए अवसर आते हैं और भविष्य की योजनाएं बनाई जाती हैं।
मई का महीना प्रकृति के सौंदर्य को और भी बढ़ाने का समय है। इस समय फूल खिलते हैं और वातावरण में एक नई ताजगी आती है। यह समय नई शुरुआतों के लिए भी उत्तम है, जैसे कि बच्चे के मुंडन संस्कार। यह अनुष्ठान बच्चे के जन्म के एक साल या तीन साल बाद किया जाता है, जिसमें उसके सिर के बालों को पारंपरिक तरीके से काटा जाता है।