बन्दौं रघुपति करुना निधान, जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥
रघुबन्स-कुमुद-सुखप्रद निसेस, सेवत पद-पन्कज अज-महेस॥
निज भक्त-हृदय पाथोज-भृन्ग, लावन्य बपुष अगनित अनन्ग॥
अति प्रबल मोह-तम-मारतण्ड, अग्यान-गहन- पावक-प्रचण्ड॥
अभिमान-सिन्धु-कुम्भज उदार, सुररन्जन, भन्जन भूमिभार॥
रागादि- सर्पगन पन्नगारि, कन्दर्प-नाग-मृगपति, मुरारि॥
भव-जलधि-पोत चरनारबिन्द, जानकी-रवन आनन्द कन्द॥
हनुमन्त प्रेम बापी मराल, निष्काम कामधुक गो दयाल॥
त्रैलोक-तिलक, गुनगहन राम, कह तुलसिदास बिश्राम-धाम॥
बोलिये राघवेंद्र सरकार की जय
रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। इसे बसंत महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करने का महत्व बताया गया है।
रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। इसे बसंत महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करने का महत्व बताया गया है।
अप्रैल का महीना वसंत ऋतु की सुंदरता और त्योहारों की धूमधाम के साथ एक विशेष महत्व रखता है। यह माह प्रकृति के रंग-बिरंगे रूप को दर्शाता है। इस समय कई धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व मनाए जाते हैं जो हमारी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं।
पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है, और मोक्ष की प्राप्ति करता है।