Logo

वर दे, वीणा वादिनि वर दे: सरस्वती वंदना (Var De Veena Vadini Var De: Saraswati Vandana)

वर दे, वीणा वादिनि वर दे: सरस्वती वंदना (Var De Veena Vadini Var De: Saraswati Vandana)

वर दे, वीणावादिनि वर दे ।

प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव

भारत में भर दे ।

वीणावादिनि वर दे ॥


काट अंध उर के बंधन स्तर

बहा जननि ज्योतिर्मय निर्झर

कलुष भेद तम हर प्रकाश भर

जगमग जग कर दे ।

वर दे, वीणावादिनि वर दे ॥


नव गति, नव लय, ताल छंद नव

नवल कंठ, नव जलद मन्द्र रव

नव नभ के नव विहग वृंद को,

नव पर नव स्वर दे ।

वर दे, वीणावादिनि वर दे ॥


वर दे, वीणावादिनि वर दे।

प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव

भारत में भर दे ।

वीणावादिनि वर दे ॥

- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

........................................................................................................
चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट (Chitrakoot Ke Ghat Ghat Par Shabri Dekhe Baat)

चित्रकूट के घाट घाट पर,
शबरी देखे बाट,

दर पे तुम्हारे सांवरे (Dar Pe Tumhare Saware)

दर पे तुम्हारे सांवरे,
सर को झुका दिया,

दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया (Dard Kisako Dikhaun Kanaiya)

दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया,
कोई हमदर्द तुमसा नहीं है,

दरश एक बार दिखाना रे, शिव शंकर डमरू वाले(Darsh Ek Bar Dikhana Re Shiv Shankar Damru Wale)

दरस एक बार दिखाना रे,
शिव शंकर डमरू वाले ॥

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang