मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला पर्व है, जो श्रीकृष्ण भक्ति का विशेष अवसर प्रदान करता है। यह व्रत और पूजा उन भक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है जो मन, धन, संतान या जीवन की अन्य समस्याओं से मुक्ति चाहते हैं। आषाढ़ मास की मासिक जन्माष्टमी 18 जून 2025, बुधवार को मनाई जाएगी।
भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप ‘लड्डू गोपाल’ की पूजा विशेष फलदायक होती है। यह रूप सौभाग्य, सुख और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। घर में लड्डू गोपाल को झूले में विराजमान कर उनकी सेवा करें।
लड्डू गोपाल को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराना शास्त्रों में शुभ बताया गया है। इसके बाद गंगाजल से अभिषेक करने से पवित्रता और शुद्धता आती है।
इस दिन अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। विशेषकर धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार, पीले वस्त्र, चने की दाल, और केले का दान अत्यंत फलदायक माना गया है।
सारी दुनिया में बांस ऐसी लकड़ी है जिसे जलाने से लोग दूर भागते हैं। हिंदू धर्म में इसे हमेशा से अशुभ माना गया है। न तो रसोई में और न ही पूजा-पाठ में बांस का इस्तेमाल होता है।
सनातन धर्म में मंत्रों को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। ये ध्वनि के ऐसे तरंग हैं जो ब्रह्मांडीय ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। मंत्र जाप प्रभु की आराधना का एक सरल और प्रभावी तरीका है।
हर साल माघ माह में कल्पवास के लिए प्रयागराज में लोग पहुंचते हैं। लेकिन इस साल प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ माघ माह में होने जा रहा हैं।
कल्पवास हिंदू धर्म की एक विशेष धार्मिक परंपरा है, जो माघ महीने में प्रयागराज के संगम तट पर की जाती है। यह व्रत व्यक्ति को भगवान के और करीब लाने में मदद करता है। इस बार माघ माह 21 जनवरी से शुरु हो रहा है।