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आषाढ़ में घर-संपत्ति खरीदने के शुभ मुहूर्त

आषाढ़ में घर-संपत्ति खरीदने के शुभ मुहूर्त

Ashadha 2025 Shubh Muhurat: आषाढ़ महीने में घर और संपत्ति खरीदने के शुभ मुहूर्त, जानें कब है सबसे उत्तम समय

हिंदू धर्म में किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। घर या संपत्ति खरीदना एक बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय होता है, इसलिए इसके लिए केवल शुभ दिन और समय ही चुना जाता है। आषाढ़ मास, जो हिंदू पंचांग के अनुसार वर्षा ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है, कई दृष्टिकोणों से धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भी कुछ ऐसे मुहूर्त आते हैं, जो संपत्ति खरीदने के लिए बेहद शुभ होते हैं। नीचे 2025 के आषाढ़ मास में आने वाले शुभ संपत्ति क्रय मुहूर्त की जानकारी दी गई है, जो पंचांगों और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। 

12 जून, गुरुवार 

  • मुहूर्त समय: सुबह 05:23 से 13 जून, सुबह 05:23 तक, नक्षत्र: मूल, पूर्वाषाढा, तिथि: प्रतिपदा, द्वितीया

विशेषता: यह दिन बृहस्पतिवार को पड़ता है, जिसे गुरु ग्रह का दिन माना जाता है और संपत्ति संबंधी लेन-देन के लिए शुभ समझा जाता है।

13 जून, शुक्रवार

  • मुहूर्त समय: सुबह 05:23 रात से 11:21 तक, नक्षत्र: पूर्वाषाढा, तिथि: द्वितीया, तृतीया

विशेषता: यह दिन शुक्र के प्रभाव में आता है, और शुक्र सौंदर्य, समृद्धि और सुख-सुविधाओं का कारक है। इसलिए इस दिन की संध्या तक किया गया क्रय लाभकारी माना जाता है।

19 जून, गुरुवार

  • मुहूर्त समय: रात 11:17 से 20 जून की सुबह 05:24 तक, नक्षत्र: रेवती, तिथि: नवमी

विशेषता: रात्रिकालीन यह मुहूर्त विशेष रूप से तांत्रिक उपायों और गुप्त संपत्ति के मामलों में उपयोगी माना गया है।

20 जून, शुक्रवार

  • मुहूर्त समय: सुबह 05:24 एएम से रात 09:45, नक्षत्र: रेवती, तिथि: नवमी, दशमी

विशेषता: यह दिन पूरे दिन तक क्रय-विक्रय के लिए उत्तम है और ग्रह-नक्षत्रों की अनुकूलता बनी रहती है।

26 जून, गुरुवार 

  • मुहूर्त समय: सुबह 08:46 से 27 जून की सुबह 05:25 एएम तक, नक्षत्र: पुनर्वसु, तिथि: प्रतिपदा, द्वितीया

विशेषता: पुनर्वसु नक्षत्र माता आदिति का प्रतीक है, जो समृद्धि और सुरक्षा का संकेत देता है।

27 जून, शुक्रवार

  • मुहूर्त समय: सुबह 05:25 से 07:22 तक, नक्षत्र: पुनर्वसु, तिथि: द्वितीया

विशेषता: यह अल्पकालिक मुहूर्त सुबह के समय है और छोटे लेन-देन या भुगतान जैसे कार्यों के लिए शुभ है।

10 जुलाई, गुरुवार

  • मुहूर्त समय: सुबह 05:31 से 11 जुलाई की सुबह 05:31 तक, नक्षत्र: पूर्वाषाढा, तिथि: पूर्णिमा, प्रतिपदा

विशेषता: पूर्णिमा और प्रतिपदा का यह संयोग अत्यंत दुर्लभ और शुभ माना गया है, जो किसी भी स्थायी संपत्ति निवेश के लिए आदर्श समय माना जाता है।

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महाकुंभ में करने योग्य मंत्र जाप

प्रयागराज का महाकुंभ फिलहाल पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है। महाकुंभ में इस बार भी देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है।

अमृत स्नान पर अद्भुत संयोग

पंचांग के अनुसार, इस साल मौनी अमावस्या बुधवार, 29 जनवरी 2025 को है। बता दें कि माघ माह की अमावस्या को ही मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व होता है। इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है।

सिंहस्थ कुंभ कहां लगेगा

फिलहाल, जोर-शोर से महाकुंभ चल रहा है। इसमें नागा साधु के अलावा विभिन्न प्रकार के साधु-संन्यासी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। देश के कोने-कोने से यहां साधु-संत पहुंचे हैं।

नागा साधु क्यों नहीं नहाते

नागा साधु एक विशेष प्रकार के संन्यासी होते हैं, जो अपनी साधना और तपस्या के लिए कठोर जीवनशैली अपनाते हैं। जबकि वे कुंभ मेले जैसे विशेष अवसरों पर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, सामान्य साधु की तरह वे रोज नहाने पर विश्वास नहीं करते।

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