भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ
हे दरबारा वाली आरती जय माँ
ओ पहाड़ा वाली आरती जय माँ
काहे दी मैया तेरी आरती बनावां
काहे दी मैया तेरी आरती बनावां
काहे दी पावां विच बाती
मंदिर विच आरती जय माँ
सुहे चोलेयाँ वाली आरती जय माँ
हे माँ पहाड़ा वाली आरती जय माँ
सर्व सोने दी तेरी आरती बनावां
सर्व सोने दी तेरी आरती बनावां
अगर कपूर पावां बाती
मंदिर विच आरती जय माँ
हे माँ पिंडी रानी आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
कौन सुहागन दिवा बालेया मेरी मैया
कौन सुहागन दिवा बालेया मेरी मैया
कौन जागेगा सारी रात
मंदिर विच आरती जय माँ
सच्चियां ज्योतां वाली आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
सर्व सुहागिन दिवा बलिया मेरी अम्बे
सर्व सुहागिन दिवा बलिया मेरी अम्बे
ज्योत जागेगी सारी रात
मंदिर विच आरती जय माँ
हे माँ त्रिकुटा रानी आरती जय माँ
(हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ)
जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा
जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा
जिस तेरा भवन बनाया
मंदिर विच आरती जय माँ
हे मेरी अम्बे रानी आरती जय माँ
(हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ)
सिमर चरण तेरा ध्यानु यश गावे
जो ध्यावे सो, यो फल पावे
रख बाणे दी लाज
मंदिर विच आरती जय माँ
सोहनेया मंदिरां वाली आरती जय माँ
(भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
हो रही जय जय कार मंदिर विच
आरती जय माँ
हे दरबारा वाली आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
हे दरबारा वाली आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
हे दरबारा वाली आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
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कुंभ मेला भारत की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, जिसे विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है। हर 12 साल में होने वाले इस आयोजन का मुख्य आकर्षण साधु संतों के अखाड़े होते हैं। अखाड़े हिंदू धर्म के प्रमुख संगठन , जो सनातन के प्रचार-प्रसार का काम करते है।
प्रयागराज हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में गिना जाता है। महादेव की इस पावन नगरी में 12 जनवरी से 26 फरवरी के बीच कुंभ मेले का आयोजन होने वाला है। देश-दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां के संगम घाट पर स्नान करने पहुचेंगे। यह घाट करोड़ों श्रद्धालुओं को सबसे बड़ा आस्था का केंद्र है।
प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से 26 फरवरी से कुंभ मेला का आयोजन होने वाला है। इसके लिए तैयारियां जोरों- शोरों से चल रही है। हिंदू धर्म के मुताबिक कुंभ में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कलावा, जिसे रक्षा सूत्र भी कहा जाता है, एक पवित्र धागा है जो विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है। इसे आमतौर पर सूती धागे से बनाया जाता है और इसे लाल, पीला या अन्य शुभ रंगों में रंगा जाता है।