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आयेगा मेरा श्याम, लीले चढ़ करके (Aayega Mera Shyam. Lile Chadh Karke)

आयेगा मेरा श्याम, लीले चढ़ करके (Aayega Mera Shyam. Lile Chadh Karke)

दिल से जयकारा बोलो,

संकट में कभी ना डोलो,

पकड़ेगा तेरा हाथ,

सांवरा बढ़ करके,

आएगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके,

लीले चढ़ करके,

ओ लीले चढ़ करके,

आयेगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके ॥


मेरे श्याम का एक जयकारा,

कितनो को पार उतारा,

दिल से जब कोई पुकारा,

हारे का बना सहारा,

करता भक्तों की रखवाली,

अड़ कर के,

आयेगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके ॥


कलयुग का देव निराला,

मेरा बाबा खाटू वाला,

है देव बड़ा दिलवाला,

खोले किस्मत का ताला,

तोड़ दे कड़की का,

ये ताला कड करके,

आयेगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके ॥


चल बन जा श्याम दीवाना,

ये जाने प्रीत निभाना,

हीरे मोती से ना भरमाना,

दो भक्ति के फूल चढ़ाना,

कभी बुलाना ना तू,

‘रोमी’ अकड़ करके,

आयेगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके ॥


दिल से जयकारा बोलो,

संकट में कभी ना डोलो,

पकड़ेगा तेरा हाथ,

सांवरा बढ़ करके,

आएगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके,

लीले चढ़ करके,

ओ लीले चढ़ करके,

आयेगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके ॥

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वट सावित्री व्रत की कथा

वट सावित्री का व्रत पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की सफलता के लिए किया जाने वाला एक पवित्र व्रत है। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाता है।

महिलाएं क्यों करती हैं वट वृक्ष की पूजा

वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं द्वारा रखा जाने वाला एक विशेष व्रत है, जो पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाता है, तथा 2025 में यह व्रत सोमवार, 26 मई को मनाया जाएगा।

वट सावित्री व्रत में क्या करें, क्या नहीं

वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए किया जाने वाला महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत जितना श्रद्धा और नियमों से जुड़ा है, उतना ही इसका सही तरीके से पालन करना भी आवश्यक है। इस साल वट सावित्री व्रत 26 मई, सोमवार को मनाया जाएगा।

वट सावित्री व्रत के उपाय

हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत पतिव्रता स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, स्वस्थ और सुखमय जीवन के लिए किया जाता है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि यह दिन वैवाहिक जीवन में चल रही तकरार और आपसी मनमुटाव को दूर करने के लिए भी बेहद शुभ माना गया है।

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