बंसी बजाय गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के,
दिल मई समाय गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के,
बंसी बजाए गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के।
मथुरा से वृंदावन आयो,
निर्दयी छलिया चैन चुरायो,
निंदिया उड़ाय गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के,
बंसी बजाए गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के ।
जादूकर गई उसकी ये अखियाँ,
रस्ता रोका मोरी पकड़ी बहिया,
मटकी गिराय गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के,
बंसी बजाए गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के ।
लूटा मोर मुकुट की छटा ने,
उनके शोकि इंद्र घटा ने
तीर चलाए गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के,
बंसी बजाए गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के ।
श्याम नाम की ओढ़ी चुनरिया,
श्याम की चूड़ी श्याम की बिंदिया,
रास रचाए गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के,
बंसी बजाए गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के ।
बंसी बजाय गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के,
दिल मई समाय गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के,
बंसी बजाए गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के ।
अष्ट लक्ष्मी में गज लक्ष्मी का व्रत और पूजन दिवाली के समान महत्वपूर्ण है। यह व्रत 16 दिनों तक चलता है। इस दिन महालक्ष्मी देवी अपार धन संपत्ति और खुशहाल जीवन का विशेष वरदान देती हैं।
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दीपावली, जिसे दिवाली भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। इसे अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की और अज्ञानता पर ज्ञान की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसके पीछे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं।