भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
किरपा नाथ बेशक मिलेंगे किसी दिन,
जो सतसंग से पथ से गुजरते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
ना होगा कभी कष्ट मन को तुम्हारें,
जो अपनी बड़ाई से डरते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
चडो गे हिरदये में सभी के सदा तुम,
जो अभिमान गिर से उतर ते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
छलक ही पड़ेगा दया सिन्दू काबिल,
जो दगी बिंदु से रोज भरते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
अपने इष्ट देवता की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। हर व्यक्ति का कोई न कोई इष्ट देव होता है। कोई भगवान विष्णु को मानता है, तो कोई भगवान शिव को।
माघ का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाना आसान होता है।
माघ का महीना हिंदू धर्म में पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। इस महीने में स्नान करने का विशेष महत्व है, जिसे माघ स्नान कहते हैं। मान्यता है कि माघ महीने में देवता पृथ्वी पर आते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
हिंदू धर्म में सकट चौथ का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और उनके जीवन में आने वाले संकटों को दूर करने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।