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माघ माह के जरूरी उपाय

माघ माह के जरूरी उपाय

माघ माह में इन उपायों को आजमाएं, सुख-समृद्धि के साथ-साथ सौभाग्य में हो सकती है वृद्धि 


अपने इष्ट देवता की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। हर व्यक्ति का कोई न कोई इष्ट देव होता है। कोई भगवान विष्णु को मानता है, तो कोई भगवान शिव को। हिंदू धर्म में, हर महीने को किसी न किसी देवता को समर्पित किया जाता है। इस तरह, हर महीने का अपना धार्मिक महत्व है।


हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने में शिव भगवान की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के व्रत, पूजा-पाठ और हवन किए जाते हैं।


रावण ने भी अपनी शक्तियां और धन भगवान शिव को प्रसन्न करके प्राप्त की थीं। अब ऐसे में अगर आप भी भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताएंगे। जिससे लाभ हो सकता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 


माघ माह में करें भगवान शिव के तांडव स्तोत्र का जाप


भगवान शिव का शिव तांडव स्तोत्र अत्यंत पवित्र और लाभकारी है। इस स्तोत्र का जाप करने से व्यक्ति को भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। शिव तांडव स्तोत्र में निहित शक्तिशाली मंत्रों का जाप करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सफलता, धन और मानसिक शांति का आगमन होता है। यह स्तोत्र राक्षसराज रावण द्वारा रचित है और शिव महापुराण में इसका विस्तृत वर्णन मिलता है। 


आपको बता दें, इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से धन के नए-नए स्रोत खुल सकते हैं और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।  यदि आप किसी कार्य में अटक गए हैं या किसी समस्या का समाधान नहीं ढूंढ पा रहे हैं, तो शिव तांडव स्तोत्र का पाठ आपके लिए वरदान साबित हो सकता है। यह स्तोत्र आपके सभी रुके हुए कार्यों को पूरा करने में मदद करता है और आपको सफलता दिलाता है। ह स्तोत्र आपके घर और जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मकता का वातावरण बनाता है।


माघ माह में सूर्यदेव की करें पूजा 


सूर्यदेव को जीवनदाता माना जाता है। उनकी पूजा से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आध्यात्मिक विकास होता है। सूर्यदेव को पिता का प्रतिनिधित्व माना जाता है। उनकी पूजा करने से पितृ दोष दूर होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। माघ मास में सूर्यदेव की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मान-सम्मान में भी वृद्धि हो सकती है। 


माघ माह में करें विष्णु सहस्त्रनाम का जाप 


विष्णु सहस्त्रनाम में भगवान विष्णु के एक हजार नामों का उल्लेख है। इन नामों का जाप करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस जाप से मन शांत होता है, पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।


माघ माह में तुलसी की पूजा से होगा लाभ

 

माघ का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस महीने में कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। तुलसी को सभी देवताओं को प्रिय माना जाता है और इसे घर में लगाना शुभ माना जाता है।  

तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। माघ महीने में विष्णु भगवान की पूजा का विशेष महत्व होता है, इसलिए तुलसी की पूजा भी की जाती है। तुलसी को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। माघ महीने में तुलसी की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।


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विद्या लक्ष्मी की महिमा

मां लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से आठवां स्वरूप हैं विद्या लक्ष्मी का जो विज्ञान और कला के साथ ज्ञान की देवी हैं। इनकी आराधना करने से इन तीनों चीजों में व्यक्ति वृद्धि और विकास करता है।

धैर्य लक्ष्मी की महिमा

धैर्य लक्ष्मी को अष्टलक्ष्मी में पांचवां स्थान मिला है। धैर्य लक्ष्मी की आराधना से हमें धन और जीवन प्रबंधन में मदद मिलती है।

धान्य लक्ष्मी की महिमा

धान्य लक्ष्मी, मां लक्ष्मी का तीसरा रूप हैं जिसे मां अन्नपूर्णा के रूप में भी पूजा गया है। धान्य का अर्थ है अनाज या अन्न। ऐसे में लक्ष्मी इस स्वरूप में अन्न या अनाज के रूप में वास करती हैं।

वीर लक्ष्मी की महिमा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अष्ट लक्ष्मी में वीर लक्ष्मी वीरता और साहस की देवी हैं। जो दुश्मनों पर विजय दिलाने में सहायक हैं। वीर लक्ष्मी की प्रचलित पौराणिक कथा महाभारत काल से जुड़ी हुई है।

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