Logo

लगन लागी तोसे मोरी मैय्या (Lagan Lagi Tose Mori Maiya)

लगन लागी तोसे मोरी मैय्या (Lagan Lagi Tose Mori Maiya)

लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।


हां, हां, हां...

(लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।)

आओ आओ अम्बे मां आओ जगदम्बे मां।

दर्शन दे दो तुमरे द्वार खड़ी रे।

आओ आओ अम्बे मां आओ जगदम्बे मां।

दर्शन दे दो तुमरे द्वार खड़ी रे।

(लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।)


हो, हो, हो...

लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।


हां, हां, हां...

न मांगती हूं तुम से तो भंडार भवानी।

न चाहती हूं कोई धन अपार भवानी।

जीवन के सभी कष्ट भूल जाऊंगी अम्बे।

थोड़ा सा जो मिल जाए तेरा प्यार भवानी।

न मांगती हूं तुम से तो भंडार भवानी।

न चाहती हूं कोई धन अपार भवानी।

जीवन के सभी कष्ट भूल जाऊंगी अम्बे।

थोड़ा सा जो मिल जाए तेरा प्यार भवानी।

आओ आओ अम्बे मां आओ जगदम्बे मां।

दर्शन दे दो तुमरे द्वार खड़ी रे।

आओ आओ अम्बे मां आओ जगदम्बे मां।

दर्शन दे दो तुमरे द्वार खड़ी रे।


(लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।)


हो, हो, हो...

लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।


हां, हां, हां...

जो द्वार तेरे आया वो खुशहाल हो गया।

भक्ति जिसे मिली वो मालामाल हो गया।

जन्मों जनम के पाप से मिलती उसे मुक्ति।

दर्शन जिसे मिला है वो निहाल हो गया।

जो द्वार तेरे आया वो खुशहाल हो गया।

भक्ति जिसे मिली वो मालामाल हो गया।

जन्मों जनम के पाप से मिलती उसे मुक्ति।

दर्शन जिसे मिला है वो निहाल हो गया।

आओ आओ अम्बे मां आओ जगदम्बे मां।

दर्शन दे दो तुमरे द्वार खड़ी रे।

आओ आओ अम्बे मां आओ जगदम्बे मां।

दर्शन दे दो तुमरे द्वार खड़ी रे।


(लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।)


हो, हो, हो...

लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।


हां, हां, हां...

सारे जगत में माता तेरी शान बड़ी है।

नाम बड़ा तेरा तेरी आन बड़ी है।

जिसके लिए तो देवता तरसे हैं निरंजन।

हे मां ममता की पहचान बड़ी है।

सारे जगत में माता तेरी शान बड़ी है।

नाम बड़ा तेरा तेरी आन बड़ी है।

जिसके लिए तो देवता तरसे हैं निरंजन।

हे मां ममता की पहचान बड़ी है।

आओ आओ अम्बे मां आओ जगदम्बे मां।

दर्शन दे दो तुमरे द्वार खड़ी रे।

आओ आओ अम्बे मां आओ जगदम्बे मां।

दर्शन दे दो तुमरे द्वार खड़ी रे।


(लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।)


हो, हो, हो...

लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।

आओ आओ अम्बे मां आओ जगदम्बे मां।

दर्शन दे दो तुमरे द्वार खड़ी रे।

आओ आओ अम्बे मां आओ जगदम्बे मां।

दर्शन दे दो तुमरे द्वार खड़ी रे।

(लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।)

हो, हो, हो...

(लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।)

हो, हो, हो...

(लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,

मिलन की लगन तोसे लागी मां।)


........................................................................................................
शिवलिंग पर रुद्राक्ष चढ़ाने के लाभ

महाशिवरात्रि इस साल बुधवार, 26 फरवरी 2025, के दिन मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष विधान है। इस दिन शिवलिंग पर भिन्न-भिन्न प्रकार की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। इन्हीं में से एक है रुद्राक्ष।

होली क्यों मनाई जाती है

फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है। इस दिन पूरा देश अबीर-गुलाल और रंग में सराबोर रहता है। हर कोई एक-दूसरे पर प्यार के रंग बरसाते हैं। होली के रंगों को प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।

अन्वाधान व इष्टि क्या है

सनातन हिंदू धर्म में, अन्वाधान व इष्टि दो प्रमुख अनुष्ठान हैं। जिसमें भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया करते हैं। इसमें प्रार्थना व पूजा कुछ समय के लिए यानी छोटी अवधि के लिए ही की जाती है।

अन्वाधान कब है

फरवरी माह में प्रकृति में भी बदलाव आता है, मौसम में ठंडक कम होने लगती है। पेड़ों पर कोमल पत्ते आने लगते हैं। इस साल फरवरी में गुरु मार्गी होंगे और सूर्य, बुध भी राशि परिवर्तन करेंगा। इसलिए यह महीना बहुत खास रहने वाला है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang