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श्री कुबेर जी की आरती (Shri Kuber Ji Ki Aarti)

श्री कुबेर जी की आरती (Shri Kuber Ji Ki Aarti)

ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जय यक्ष कुबेर हरे।

शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे॥

ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...


शिवभक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े।

दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े॥

ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...


स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे।

योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं॥

ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...


गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे।

दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करें॥

ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...


भाँति भाँति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने।

मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने॥

ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...


बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े।

अपने भक्त जनों के, सारे काम संवरें॥

ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...


मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले।

अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले॥

ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...


यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई जन गावे।

कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे॥

ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...


श्रीकुबेर महाराजकी जय


कुबेर जी की आरती का शुभ समय और इससे होने वाले लाभ


कुबेर जी की आरती का शुभ समय:


कुबेर जी की आरती किसी भी दिन की जा सकती है, लेकिन इन दिनों में करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है:


1. दीपावली: दीपावली के दिन कुबेर जी की आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

2. गुरुवार: गुरुवार का दिन कुबेर जी को समर्पित है, इसलिए इस दिन आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

3. पूर्णिमा: पूर्णिमा के दिन कुबेर जी की आरती करना शुभ माना जाता है।

4. कुबेर जयंती: कुबेर जयंती के दिन कुबेर जी की आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।


इसके अलावा, आप कुबेर जी की आरती किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, जैसे कि:


- सुबह सूर्योदय के समय

- शाम सूर्यास्त के समय

- रात्रि में दीपक जलाने के समय


आरती करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। आरती के दौरान कुबेर जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और दीपक जलाएं। आरती के बाद, प्रसाद वितरित करें।


कुबेर जी की आरती के लाभ:


1. धन और समृद्धि की प्राप्ति: कुबेर जी की आरती करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

2. रोजगार और व्यवसाय में सफलता: कुबेर जी की आरती करने से रोजगार और व्यवसाय में सफलता मिलती है।

3. कर्ज से मुक्ति: कुबेर जी की आरती करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।

4. सुख और शांति: कुबेर जी की आरती करने से सुख और शांति मिलती है।

5. आध्यात्मिक विकास: कुबेर जी की आरती करने से आध्यात्मिक विकास होता है।

6. नेगेटिविटी से बचाव: कुबेर जी की आरती करने से नेगेटिविटी से बचाव होता है।

7. मानसिक शांति और संतुष्टि: कुबेर जी की आरती करने से मानसिक शांति और संतुष्टि मिलती है।

8. जीवन में स्थिरता और सुरक्षा: कुबेर जी की आरती करने से जीवन में स्थिरता और सुरक्षा मिलती है।

9. पापों का नाश: कुबेर जी की आरती करने से पापों का नाश होता है।

10. मोक्ष की प्राप्ति: कुबेर जी की आरती करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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रविवार व्रत चालीसा

हिंदू धर्म में प्रत्येक रविवार को भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है। ये दिन बिगड़े कामों को बनाने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए। साथ ही जल चढ़ाना चाहिए।

सोमवार के मंत्र

हिंदू धर्म में सोमवार का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। शिव जी को महादेव, शंकर और भोलेनाथ जैसे कई नामों से जाना जाता है।

मंगलवार के मंत्र

मंगलवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष माना जाता है। यह दिन भगवान हनुमान को समर्पित होता है, जो शक्ति, साहस और भक्ति के प्रतीक हैं। ऐसा माना जाता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

बुधवार के मंत्र

सनातन धर्म में हर दिन का अपना एक विशेष महत्व होता है। इन्हीं में से एक बुधवार का दिन बुद्धि, व्यापार, सुख और सौभाग्य के लिए खास माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान श्री गणेश और बुध ग्रह को समर्पित होता है।

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