Logo

बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए (Beta Jo Bulaye Maa Ko Aana Chahiye)

बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए  (Beta Jo Bulaye Maa Ko Aana Chahiye)

मैया जी के चरणों मे ठिकाना चाहिए।

बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए॥


सुन लो ऐ माँ के प्यारो, तुम प्रेम से पुकारो।

आएगी शेरा वाली, जगदम्बे मेहरावाली॥

वो देर ना करेगी, झोली सदा भरेगी।

पूरी करेगी आशा, मिट जायेगी निराशा॥

बिगड़े कर्म सवारे, भव से वो सब को तारे।

श्रद्धा और प्रेम से ध्याना चाहिए,

बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए॥


अकबर ने आजमाया, ध्यानु ने था बुलाया।

हे राजरानी आओ, अम्बे भवानी आओ॥

जाए ना लाज मेरी, सुन लो आवाज मेरी।

दरबार देखता है, संसार देखता है॥

घोडे़ का सिर कटा है, मेरा भी सिर झुका है।

गरूर अभिमानी का मिटाना चाहिए,

बेटा जो बुलाए, माँ को आना चाहिए॥


विनती सुनो हमारी, ए मैया ऐ कंवारी।

तेरे दर पे है सवाली, जाना नहीं है खाली॥

बैठे है डेरा डाले, तेरे भक्त भोले भाले।

तेरे नाम के दीवाने, आए है जा लुटाने॥

मैया दीदार दे दो, बच्चो को प्यार दे दो।

हीरे मोतियों का ना खजाना चाहिए,

बेटा जो बुलाए, माँ को आना चाहिए॥


तिरलोक चंद राजा, था भक्त वो भी माँ का।

जो बंदगी बिछायी संग खेले महामाई॥


देखा जो बूंद पानी, कहने लगा भवानी।

पानी कहाँ से आया, कैसी रचाई माया॥


कैसा यह माजरा है, मेरा तो दिल डरा है॥

माँ इसका राज़ खोलो, अब कुछ तो मुह से बोलो।

कहने लगी भवानी, ऐ मूल अज्ञानी॥


मुझ को ना आजमाओ, पानी को भूल जाओ।

जिद्द ना करो ऐ राजा, कुछ तो डरो ऐ राजा॥


बोला वो अभिमानी, मैंने भी मन मे ठानी।

के राज़ जान लूँगा, हर बात मान लूँगा॥


तब मैया बोली, राजा ना भूल जाना वादा।

सच सच तो मै कहूँगी, फिर पास ना रहूंगी॥


सागर मे डोले नैया, मेरा भक्त बोले मैया।

हर दम तुझे ध्याऊं, फिर भी मै डूब जाऊं॥


कश्ती बचाओ माता, श्रद्धा दिखाओ माता।

मै उसकी भी तो माँ थी, यहाँ भी थी वहां भी॥


चंचल सूना कहानी, गायब हुई भवानी।

पचता रहा था राजा, चिल्ला रहा था राजा॥


शक्ति को ना कभी आजमाना चाहिए।

बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए॥

........................................................................................................
मुखड़ा देख ले प्राणी, जरा दर्पण में (Mukhda Dekh Le Prani, Jara Darpan Main)

मुखड़ा देख ले प्राणी,
जरा दर्पण में हो,

मुकुन्द माधव गोविन्द बोल (Mukund Madhav Govind Bol)

मुकुट सिर मोर का,
मेरे चित चोर का ।

मुरख बन्दे, क्या है रे जग मे तेरा (Murakh Bande Kya Hai Re Jag Me Tera)

ओ मुरख बन्दे,
क्या है रे जग मे तेरा,

मोहे मिठो मिठो, सरजू जी को पानी लागे(Mohe Mitho Mitho Saryu Ji Ko Pani Lage)

सीता राम जी प्यारी राजधानी लागे,
राजधानी लागे,

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang