शक्ति दे मां शक्ति दे मां, शक्ति दे मां शक्ति दे मां।
पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं घर तेरे।
शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥
पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं घर तेरे।
शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥
हाथ पकड़ ले हाथ बढ़ा दे, अपने मंदिर तक पहुंचा दे।
हाथ पकड़ ले हाथ बढ़ा दे, अपने मंदिर तक पहुंचा दे॥
सर पर दुःख की रैना, नाही चैना, प्यासे नैना दर्शन के।
शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥
जग में जिसका नाम है जीवन, इक युग है संग्राम है जीवन।
जग में जिसका नाम है जीवन, इक युग है संग्राम है जीवन॥
तेरा नाम पुकारा, दुःख का मारा, हारा माँ इस जीवन से।
शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥
तेरे द्वारे जो भी आया, उसने जो माँगा वो पाया।
तेरे द्वारे जो भी आया, उसने जो माँगा वो पाया॥
मैं भी तेरा सवाली, शक्तिशाली शेरों वाली माँ जगदम्बे।
शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥
पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं घर तेरे।
शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥
इस योग्य हम कहाँ हैं
इस योग्य हम कहाँ हैं,
ईश्वर को जान बन्दे,
मालिक तेरा वही है,
हम लाड़ले खाटू वाले के,
हमें बाबा लाड़ लड़ाता है,
हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत पूर्ण रूप से भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है।