अंजनी के लाला पे,
भरोसा जो होगा,
जो कुछ भी होगा,
अच्छा ही होगा ॥
कांटे मिले तो,
शिकायत ना करना,
उसकी कृपा के,
इशारे समझना,
बिगड़ी वो तेरी,
बनाता ही होगा,
जो कुछ भी होगा,
अच्छा ही होगा ॥
ढूंढेगा जो तू,
तुझे ना दिखेगा,
आस पास है वो,
एहसास होगा,
अंधेरे में दिपक,
जलाता ही होगा,
जो कुछ भी होगा,
अच्छा ही होगा ॥
इतना समझ ले,
कदम को बड़ा ले,
तेरे साथ है वो,
मन में बिठाले,
मन में वो बैठा,
बुलाता ही होगा,
जो कुछ भी होगा,
अच्छा ही होगा ॥
विधि का विधान कोई,
बदल ना पाये,
लीलानंद है तो,
क्यों घबराये,
उजड़ा चमन फिरसे,
सजाता वो होगा ,
जो कुछ भी होगा,
अच्छा ही होगा ॥
सहारा तुझे सिर्फ,
उनसे मिलेगा,
उनके सिवा तेरी,
कोई ना सुनेगा,
सिर पे वो हाथ तेरे,
फिरता ही होगा,
जो कुछ भी होगा,
अच्छा ही होगा ॥
अंजनी के लाला पे,
भरोसा जो होगा,
जो कुछ भी होगा,
अच्छा ही होगा ॥
माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन मौन साधना करना विशेष लाभदायक माना जाता है। इस साल यह अमावस्या 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।
माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है जो पितरों के मोक्ष के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके दान करने का महत्व है जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके कष्टों को दूर किया जा सकता है।
नर्मदा के पावन तटों पर माघ मास की मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं का जमघट लगा रहेगा। इस पावन पर्व पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
हिंदू धर्म में सोमवार का दिन विशेष महत्व रखता है। इसे "सोमवार" या "सप्तमी" के नाम से जाना जाता है, और यह विशेष रूप से भगवान शिव और चंद्रमा यानी कि सोम से जुड़ा हुआ है।