बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा,
दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
सुना है जो तेरे दर पे आए,
उसके सब दुखड़े मिट जाए,
आया शरण तिहारी रे,
आया शरण तिहारी रे,
अब दूर करो दुख मेरा,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
जनम जनम का मैं हूँ भटका ,
बेड़ा आज भवर में अटका,
पार करो बनवारी रे,
अब दूर करो दुख मेरा,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
शबरी अहिल्या गणिका नारी,
सब ही तुमने पार उतारी,
आयी मेरी बारी रे,
अब दूर करो दुख मेरा,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
मोर मुकुट पीताम्बर धारी,
संग में हो श्री राधा प्यारी,
मेरे गिरवर धारी रे,
अब दूर करो दुख मेरा,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा,
दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
बाबा देखो मेरी ओर,
मैं हूँ अति कमजोर,
मेरे शंकर भोले भाले,
बेड़ा पार लगाते है,
मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी,
पल भर में जादू कर जाएगी,
विवाह पंचमी भगवान राम और माता सीता के विवाह का ऐसा पावन अवसर है, जिसे हिंदू धर्म के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते है।