बाबा देखो मेरी ओर,
मैं हूँ अति कमजोर,
मेरे साथ रहना,
बाबा देखो मेरी ओर ॥
नैया है भवर में खाये रे हीचकोले,
संभालो पतवार,
मैंने किये लाखों जतन मेरे बाबा,
गया हूँ अब हार,
गया हूं अब हार,
संभालो पतवार,
बाबा देखो मेरी ओर,
मैं हूँ अति कमजोर,
मेरें साथ रहना,
बाबा देखो मेरी ओर ॥
तू ही मेरा मालिक तू ही है एक साथी,
सिखाया है यही,
तू ही गर रूठे तो जाएंगे कहाँ ये,
बताया ही नहीं,
बताया ही नहीं,
सिखाया ही नहीं,
बाबा देखो मेरी ओर,
मैं हूँ अति कमजोर,
मेरें साथ रहना,
बाबा देखो मेरी ओर ॥
जग का सताया तूने ही अपनाया,
तुम्हीं से मेरी आस,
चाहे आधी रातो में तुझको बुलाऊ,
आएगा मेरे पास,
आएगा मेरे पास,
है पूरा विश्वास,
बाबा देखो मेरी ओर,
मैं हूँ अति कमजोर,
मेरें साथ रहना,
बाबा देखो मेरी ओर ॥
तुझसे ना छानी ‘सचिन’ की कहानी,
तू जाने सारी बात,
तेरे आगे बाबा समर्पण मेरा,
उठाऊं दोनो हाथ,
उठाऊं दोनो हाथ,
संभालो दीनानाथ,
बाबा देखो मेरी ओर,
मैं हूँ अति कमजोर,
मेरें साथ रहना,
बाबा देखो मेरी ओर ॥
बाबा देखो मेरी ओर,
मैं हूँ अति कमजोर,
मेरे साथ रहना,
बाबा देखो मेरी ओर ॥
शिव पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, एक समय भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी के बीच यह विवाद छिड़ गया कि उनमें से श्रेष्ठ कौन है। इस विवाद को शांत करने के लिए भगवान शिव ने एक अनंत प्रकाश स्तंभ ज्योति का रूप धारण किया।
महाशिवरात्रि का व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
फुलेरा दूज का त्योहार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है और धूमधाम से मनाया जाता है।
फुलेरा दूज फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाले त्योहार है। यह त्योहार वसंत पंचमी के आने का संकेत देता है। इस दिन देश भर में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को सजाया जाता है।