फुलेरा दूज फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाले त्योहार है। यह त्योहार वसंत पंचमी के आने का संकेत देता है। इस दिन देश भर में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को सजाया जाता है। वहीं वृंदावन, मथुरा और ब्रज में इस दिन फूलों की होली खेली जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और माता राधा ने फूलों की होली खेली थी। इस दिन भगवान कृष्ण की श्रद्धाभाव से पूजा करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। चलिए आपको भीलेख के जरिए भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने की विधि के बारे में बताते , ताकि आप भी भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर सके।
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा का विशेष महत्व है।
फुलेरा दूज के दिन अबुझ मुहूर्त होता है। यानि ऐसा शुभ समय, जब किसी भी मांगलिक कार्य को करने के लिए पंचांग या ज्योतिषीय गणना की आवश्यकता नहीं होती। इस कारण फुलेरा दूज को विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार, और अन्य शुभ कार्यों के लिए अत्यंत उपयुक्त माना जाता है।
नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन के लिए है एक विशेष रंग, जानिए कौन से दिन कौन सा कपड़ा पहनें
दुर्गा पूजा यानी नवरात्र की शुरुआत होने वाली है. ऐसे में लोगों के सिर पर नवरात्र के पावन पर्व का भक्तिमय रंग और पर्व की उमंग दोनों ही परवान चढ़ने लगे हैं। चारों तरह की नवरात्रि में सचमुच शारदीय नवरात्र ही सबसे भव्य और खास नवरात्र होती है।
माता पार्वती का एक रूप और दस महाविद्याओं में से एक मां धूमावती हैं। माता के इस अवतार को लेकर कई कथाएं हैं जो बड़ी विचित्र हैं।
भगवान शिव का एक नाम मतंग भी है। शिव की शक्ति से उत्पन्न दस महाविद्याओं में से एक देवी मातंगी का नाम शिव के मतंग नाम से ही पड़ा है।