Logo

महालक्ष्मी हवन की विधि

महालक्ष्मी हवन की विधि

Mahalaxmi Havan Vidhi: कर्ज और आर्थिक संकट से मिलेगी मुक्ति, इस विधि से करें महालक्ष्मी का हवन और पूजा 

हिंदू शास्त्रों में मां लक्ष्मी को वैभव, धन, सुख और ऐश्वर्य की देवी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जिन पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है, उनके जीवन में कभी दरिद्रता या संकट नहीं आता। मां को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी हवन का विशेष महत्व है। यह हवन न केवल आर्थिक समृद्धि का मार्ग खोलता है बल्कि घर में सुख-शांति और सौभाग्य भी लाता है।

हवन की विधि

महालक्ष्मी हवन के लिए सबसे पहले पूजा स्थल पर हवन कुंड स्थापित करें। उसके बाद रोली, अक्षत, मौली और पुष्प से विधिपूर्वक पूजन करें। अग्नि प्रज्वलित करके, हाथ में जल लेकर 'ॐ केशवाय नमः', 'ॐ नारायणाय नमः', 'ॐ माधवाय नमः' मंत्रों के साथ तीन बार आचमन करें। फिर मां लक्ष्मी का ध्यान कर संकल्प लें।

अब माता का आवाहन करें और घी की पांच आहुतियां दें। गौरी-गणेश तथा नवग्रह की आहुतियां भी दें। इसके बाद हवन सामग्री में सफेद तिल, कमलगट्टा, कटी हुई गरी और गाय का घी मिलाकर 11, 21, 31 या 51 बार आहुतियां दें। अंत में घी व नारियल से पूर्णाहुति दें और श्रीसूक्त का पाठ करते हुए खीर से विशेष आहुति दें।

हवन के बाद की प्रक्रिया

हवन पूर्ण होने के बाद कपूर या गाय के घी से दीप जलाकर गणेश जी और मां लक्ष्मी की आरती करें। इसके पश्चात डमरू बजाकर अलक्ष्मी (दरिद्रता) को घर से बाहर विदा करें। प्रसाद स्वरूप बताशे, मिठाई, खील और शक्कर के खिलौने वितरित करें।

कमल और लक्ष्मी का संबंध

मां लक्ष्मी को कमल का फूल अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि घी में कमलगट्टा मिलाकर भोग लगाने से जीवन में राजसी वैभव आता है। 108 कमलगट्टों की माला चढ़ाने से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

सर्वोत्तम दिन, दिशा और समय

महालक्ष्मी हवन के लिए शुक्रवार को करना शुभ माना गया है। हवन करते समय उत्तर दिशा की ओर मुख करें, क्योंकि यह दिशा कुबेर की मानी जाती है। संध्या काल इस हवन के लिए सबसे उपयुक्त समय है।

हवन सामग्री

खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चंदन, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान, फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर, कपूर, हल्दी-चूने का लेप, सुगंधित धूप-दीप और अगरबत्ती।

महालक्ष्मी मूल मंत्र

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नम:

महालक्ष्मी मंत्र जाप के लिए कमलगट्टे की माला सर्वोत्तम मानी जाती है। पूजा स्थल पर सिद्ध श्री यंत्र की स्थापना करने से शुभ फल कई गुना बढ़ जाते हैं।

हवन का महत्व

इस हवन से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, ऋण से मुक्ति मिलती है और दरिद्रता का नाश होता है। यह हवन जीवन में स्थिरता, सुख, शांति और सम्पन्नता लाता है।

........................................................................................................
वराह जयंती (Varaha Jayanti)

जब हिरण्याक्ष का वध करने ब्रह्मदेव की नाक से निकले भगवान वराह, जानिए क्यों मनाई जाती है वराह जयंती

वराह जयंती पर जानिए देश के प्रसिद्ध वराह मंदिरों के बारे में

तिरुमाला में नारियल पानी से होता है भगवान वराह का अभिषेक, वराह जयंती पर जानिए देश के प्रसिद्ध वराह मंदिरों के बारे में….

ऋषि पंचमी पर जानें क्या है पुजा का शुभ मुहुर्त और इस दिन का महत्व

भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला ऋषि पंचमी पर्व हमारे जीवन में पवित्रता और ज्ञान का संगम है।

ऋषि पंचमी का व्रत रखने से महिलाओं को मिलती है रजस्वला दोष से मुक्ति, पहली बार व्रत रखने पर ध्यान रखें ये नियम

हिंदू धर्म में व्रत रखना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। ये हमें अपने जीवन को सुधारने और आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है साथ ही हमारे शरीर का संतुलन भी बना रहता है।

यह भी जाने
HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang