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दुर्गा पूजा पुष्पांजली

दुर्गा पूजा पुष्पांजली

प्रथम पुष्पांजली मंत्र



ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।


दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥


एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥



द्वितीय पुष्पांजली मंत्र


ॐ महिषघ्नी महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी ।


आयुरारोग्यविजयं देहि देवि! नमोऽस्तु ते ॥


एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः ॥



तृतीया पुष्पांजली मंत्र


ॐ सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।


शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते ॥१॥


सृष्टि स्थिति विनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।


गुणाश्रये गुणमये नारायणि! नमोऽस्तु ते ॥२॥



शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।


सर्वस्यार्तिहरे देवि! नारायणि! नमोऽस्तु ते ॥३॥

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प्रदोष व्रत शुभ योग

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। इसका इंतजार शिव भक्तों को बेसब्री से रहता है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर शिव पूजन करने और उपवास रखने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

प्रदोष व्रत के नियम

शनि प्रदोष का दिन भगवान भोलेनाथ के साथ शनिदेव की पूजा-आराधना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन शनिदेव और शिवजी की पूजा करने से जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है और शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा समेत अन्य परेशानियां भी दूर होती है।

प्रदोष व्रत की कथा

हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के मुताबिक साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा, इस दिन शनिवार होने के कारण यह शनि प्रदोष भी कहलाएगा।

पौष पूर्णिमा 2025

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन से प्रयागराज में कल्पवास शुरू किया जाता है, इस दिन व्रत, स्नान दान करने से मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं।

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