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रुद्राभिषेक पूजा विधि

रुद्राभिषेक पूजा विधि

Rudrabhishek Puja Vidhi: भोलेनाथ को प्रसन्न करने का श्रेष्ठ उपाय है रुद्राभिषेक, इस विधि से करें; मिलेगा हर संकट से छुटकारा

अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन से हर संकट टल जाए और भोलेनाथ की कृपा बनी रहे, तो रुद्राभिषेक से बढ़िया उपाय कोई नहीं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव तुरंत प्रसन्न होते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं। भगवान राम ने भी रावण वध से पूर्व रुद्राभिषेक किया था।

रुद्राभिषेक का अर्थ है—भगवान शिव (रूद्र) का अभिषेक यानी विशेष स्नान। इस पवित्र पूजा में शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद, फल रस आदि चढ़ाकर मंत्रों के साथ शिवजी का पूजन किया जाता है।

रुद्राभिषेक की आवश्यक सामग्री

  • शुद्ध जल, गंगाजल
  • दूध, दही, शहद
  • गन्ने और अनार का रस
  • गाय का घी
  • बिल्वपत्र, श्रृंगी, चंदन
  • भांग, धतूरा, नारियल, पान, सुपारी
  • दीपक, धूप, कपूर, मौली
  • मिठाई, मेवा, फूलमालाएं

रुद्राभिषेक कैसे करें – आसान विधि

  • शिवलिंग को उत्तर दिशा में स्थापित करें और खुद पूर्वाभिमुख बैठें।
  • सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन करें, फिर नवग्रह और अन्य देवताओं का आव्हान करें।
  • अब शिवलिंग पर श्रृंगी से जल चढ़ाएं, और साथ ही "ॐ नमः शिवाय" या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से क्रमशः अभिषेक करें।
  • फिर बिल्वपत्र, फूल, चंदन आदि अर्पित करें।
  • अंत में शिव आरती करें, अभिषेक जल पूरे घर में छिड़कें और भोग लगाकर प्रसाद वितरित करें।

रुद्राभिषेक में बोले जाने वाले खास मंत्र

  • ॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च मयस्कराय च...
  •  त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्...
  •  तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्...
  • इन मंत्रों के साथ रुद्राभिषेक करने से शरीर, मन और आत्मा तीनों में दिव्यता का संचार होता है।

रुद्राभिषेक करते समय ध्यान रखें ये खास बातें

  • पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें और गणेश-नंदी की मूर्तियां साथ रखें।
  • मंगल कलश स्थापित करें, जिसमें नारियल, सुपारी, पंचरत्न और सिक्के डालें।
  • गंगाजल और पंचामृत से शिवलिंग का स्नान कराएं।
  • हर सामग्री चढ़ाते समय "ॐ नमः शिवाय" का जाप जरूर करें।
  • अंत में पूजा का जल पूरे घर में छिड़कें और जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान करें।

रुद्राभिषेक के चमत्कारी लाभ

  • नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, और घर में सुख-शांति आती है।
  • स्वास्थ्य, धन और करियर से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं।
  • कालसर्प दोष, ग्रह दोष और नजर दोष में राहत मिलती है।
  • संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए अत्यंत फलदायी।
  • व्यवसाय में वृद्धि और मानसिक शांति का मार्ग प्रशस्त करता है।
  • विशेष रूप से श्रावण मास में किया गया रुद्राभिषेक अत्यंत शुभ फल देता है।

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मेरे हनुमान का तो,
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अग्नि देवता की पूजा विधि क्या है?

सनातन धर्म में अग्नि देवता को देवताओं का मुख माना जाता है। वे देवताओं और मनुष्यों के बीच एक संदेशवाहक भी माने जाते हैं। अग्नि देवता यज्ञों के देवता भी हैं।

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