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शिव योग में मनाया जाएगा शनि प्रदोष व्रत

शिव योग में मनाया जाएगा शनि प्रदोष व्रत

Shani Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव की प्रशांत होगी प्राप्त, शिव योग में करें शनि प्रदोष व्रत 


प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। इस साल आने वाला ‘शनि प्रदोष व्रत’ शनिवार, 24 मई को मनाया जाएगा। यह विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है, क्योंकि यह ‘शिव योग’ में पड़ रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब प्रदोष व्रत शिववास योग में आता है, तब इसका फल कई गुना बढ़ जाता है और भक्तों को विशेष आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है।


शनि दोष से मिलेगी मुक्ति 

शिववास योग वह विशेष काल होता है जब भगवान शिव का वास पृथ्वी लोक पर माना जाता है। इस योग में की गई पूजा-अर्चना, व्रत और उपवास का प्रभाव अत्यंत तेज होता है। इस साल शनि प्रदोष व्रत ऐसे ही शुभ संयोग में मनाया जाएगा। इस अवसर पर व्रत करने और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से न केवल कष्टों से मुक्ति मिलती है, बल्कि शनि दोष जैसे अशुभ ग्रहों के प्रभाव भी कम होते हैं।


भगवान शिव को अर्पित करें बेलपत्र और धतूरा 

  • प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • भगवान सूर्य को जल अर्पित करें और व्रत का संकल्प लें।
  • पूजा स्थल को शुद्ध करें और शिवलिंग का ‘पंचामृत’ से अभिषेक करें।
  • भगवान शिव, मां पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय और नंदी की पूजा करें।
  • बेलपत्र, धतूरा, फूल और नैवेद्य अर्पित करें।
  • फिर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और शिव कथा का पाठ करें।
  • रात्रि में शिव जी की आरती करें और व्रत का समापन करें।


शनि प्रदोष व्रत में करेगी विशेष उपाय

  • दूध व गंगाजल से करें शिवलिंग का अभिषेक। इससे शिव जी प्रसन्न होते हैं और समस्त पाप नष्ट होते हैं।
  • ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘ॐ महादेव’ और ‘ॐ शिव शंकर’ जैसे मंत्रों का जाप इस दिन अत्यंत फलदायी माना जाता है।
  • गेहूं और धतूरा करें शिव जी को अर्पित। इसे संतान सुख की प्राप्ति के लिए लाभकारी माना गया है।
  • इस दिन शनि देव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं, काले तिल दान करें और ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करें।

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रविवार के व्रत कथा (Ravivaar Ke Vrat Katha)

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