बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बालक थारे जब आया करता,
रोज खेलके जाया करता ।
हुई कै तकरार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
मन्ने सुना दे कुटुंब कहानी,
क्यों कर पड़ गयी ठोकर खानी ।
रे मन्ने सुना दे कुटुंब कहानी,
क्यों कर पड़ गयी ठोकर खानी ।
टोटे की मार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
सब बच्चों का हाल सुना दे,
मिश्रानी की बात बता दे ।
रे सब बच्चो का हाल सुना दे,
मिश्रानी की बात बता दे ।
रे क्यों गया हार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
चाहिए था रे तन्ने पहल में आना,
इतना दुःख नहीं पड़ता ठाणा ।
रे चाहिए था रे तन्ने पहल में आना,
इतना दुःख नहीं पड़ता ठाणा ।
क्यों भुल्ला प्यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
इब भी आगया ठीक वक़्त पे,
आज बैठ जा मेरे तखत पै ।
रे इब भी आगया ठीक वक़्त पे,
आज बैठ जा मेरे तखत पै ।
जिगरी यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
आजा भगत छाती पे लाल्यूँ,
इब बता तन्ने कन्ने बिठा लूँ ।
रे आजा भगत छाती पे लाल्यूँ,
इब बता तन्ने कन्ने बिठा लूँ ।
करूँ साहूकार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
महाकुंभ की शुरुआत में अब कुछ ही समय बाकी है, और इसमें शाही स्नान का महत्व अत्यधिक है। 12 साल में एक बार होने वाला यह महाकुंभ, न केवल शरीर की शुद्धि के लिए बल्कि आत्मिक उन्नति के लिए भी एक खास अवसर है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शाही स्नान से व्यक्ति के सभी पाप और कष्ट नष्ट हो जाते हैं, और देवी-देवता भी इस समय धरती पर आते हैं।
कुंभ के दिव्य स्नान और आध्यात्मिक अनुष्ठानों के लिए श्रद्धालुओं की धड़कनें बढ़ चुकी हैं। ट्रेन, बस और होटलों की बुकिंग में भी बेतहाशा रफ्तार आई है, क्योंकि लाखों लोग इस ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं।
कुम्भ मेला एक ऐसा अवसर है जब श्रद्धालु पुण्य अर्जित करने के लिए संगम स्नान, दान और ध्यान करते हैं। इस पवित्र अवसर पर यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि हम कोई ऐसा कार्य न करें जिससे पाप का अर्जन हो जाए।
इस साल, 13 जनवरी से 27 फरवरी तक प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु और साधु-संत संगम के तट पर एकत्रित होंगे, जहां पवित्र गंगा, यमुना और संगम के जल में स्नान करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।