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मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी(Mere Shyam Dhani Ki Morchadi)

मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी(Mere Shyam Dhani Ki Morchadi)

मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी,

गर फिर गई तेरे सर पे तो,

गर फिर गई तेरे सर पे तो,

हर बिगड़ी बात सवर जाएगी,

मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी ॥


प्रेम का है भूखा,

तू प्रेम मेरे सांवरे से कर जरा,

आएगा ना कोई तेरे काम,

बस मेरा श्याम आएगा सदा,

गर जो झुकेगा सर ये तेरा,

गर झुक जाए मस्तक तेरा,

माथे की रेख बदल जाएगी,

मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी ॥


कर नहीं मैं सकता महिमा मेरे,

घनश्याम की मुख से बयां,

आज तक क्या देखा,

कोई श्याम के दरबार से खाली गया,

बंद पड़ी किस्मत भी यहाँ,

तेरी बंद पड़ी किस्मत भी यहाँ,

खुशियों की चाबी से खुल जाएगी,

मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी ॥


दौड़ के आ जाए,

जो श्याम को दिल से पुकारे है कभी,

है ‘प्रकाश’ कहता,

बिना श्याम के कोई काम मुमकिन है नहीं,

उंगली पकड़ ली जबसे तेरी,

जो उंगली पकड़ ली जबसे तेरी,

मंजिल भी तुझको मिल जाएगी,

मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी ॥


मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी,

गर फिर गई तेरे सर पे तो,

गर फिर गई तेरे सर पे तो,

हर बिगड़ी बात सवर जाएगी,

मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी ॥


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जानिए छठ पूजा में ठेकुआ का महत्व

छठ पूजा भारतीय सनातन परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो सूर्यदेव और छठी माता को समर्पित है। इस पूजा में ठेकुआ एक प्रमुख प्रसाद होता है।

छठ पूजा व्रत कथा

छठ पूजा भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है। विशेष रूप से बिहार और इसके आसपास के क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी मईया की आराधना का प्रतीक है।

छठ के लिए इस तरह करें अपने घर को तैयार

छठ को प्रकृति की पूजा के महापर्व के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व को सबसे कठिन पर्वों में से एक माना गया है। इसमें स्वच्छता और पवित्रता को बनाए रखना होता है। इस वर्ष छठ पूजा की शुरुआत 05 नवंबर से नहाय-खाय के साथ हो रही है।

छठ पूजा में नए वस्त्र और सोना खरीदने का महत्व

बिहार या कहें खासकर भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लोगों के लिए छठ पूजा सदियों से चली आ रही एक ऐसी प्रथा है जिसमें भारतीय संस्कृति और आपसी प्रेम भाव का बोध होता है।

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