प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक पवित्र व्रत है, जो हर महीने शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। जो शिव भक्तों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा और कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में आने वाली समस्याओं का निवारण होता है। यह व्रत न केवल करियर और धन संबंधी समस्याओं का समाधान करता है। बल्कि, वैवाहिक जीवन में भी सुख-शांति लाता है। तो आइए इस लेख में प्रदोष व्रत के बारे में विस्तार से जानते हैं।
इस पवित्र दिन पर महादेव की कृपा से हर मनोकामना पूर्ण होती है। प्रदोष व्रत के दिन महादेव की पूजा और उपाय करने से जीवन की हर समस्या का समाधान मिलता है। खासतौर पर करियर और वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए यह दिन बहुत शुभ माना गया है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 28 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा और कुछ विशेष उपाय करने से मनचाहा करियर, सुखद वैवाहिक जीवन और धन-वैभव प्राप्त होता है।
चूंकि, यह व्रत गुरुवार को पड़ रहा है। इसलिए, इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन भगवान शिव और गुरु बृहस्पति की संयुक्त आराधना से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
सनातन हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भक्त भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। जिससे उनका जीवन खुशहाल होता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए व्रत भी किया जाता है।
जिस तरह सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश से मकर संक्रांति मनाई जाती है। उसी तरह जिस दिन सूर्यदेव कुंभ राशि में प्रवेश कर सकते हैं, वह दिन कुंभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
हिंदू धर्म में, थाईपुसम एक प्रमुख त्योहार माना जाता है। यह त्योहार विशेषकर तमिल समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार माघ माह के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शंकर भगवान के बड़े पुत्र भगवान मुरुगन यानि कार्तिकेय की पूजा की जाती है।
हिंदू धर्म में, सूर्य देव के राशि परिवर्तन को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। सूर्य जब दूसरे राशि में प्रवेश करते हैं, तब इसे संक्रांति कहा जाता है। दरअसल, सूर्य जिस राशि में प्रवेश कर सकते हैं, उस दिन को उसी राशि के संक्रांति के नाम से जाना जाता है।