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गुरू प्रदोष व्रत पर शिव अभिषेक कैसे करें?

गुरू प्रदोष व्रत पर शिव अभिषेक कैसे करें?

धन समस्या दूर करने के लिए गुरु प्रदोष व्रत पर इन चीजों से करें भगवान शिव का अभिषेक  


गुरु प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाने का एक अत्यंत शुभ अवसर है। हिंदू धर्म में यह व्रत विशेष महत्व रखता है और गुरुवार के दिन पड़ने वाला प्रदोष व्रत देवगुरु बृहस्पति और शिवजी की पूजा के लिए फलदायक माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का विधिवत अभिषेक करने से विशेष आशीर्वाद मिलता है, जिससे धन, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। तो आइए इस लेख में हम जानते हैं कि गुरु प्रदोष व्रत का महत्व एवं इस दिन भगवान शिव का अभिषेक कैसे करना चाहिए। 


गुरु प्रदोष व्रत का महत्व


गुरु प्रदोष व्रत का पालन करने से भगवान शिव और देवगुरु बृहस्पति दोनों की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो आर्थिक समस्याओं, करियर में बाधाओं या पारिवारिक कष्टों का सामना कर रहे हैं। इस व्रत के माध्यम से व्यक्ति न केवल अपने पापों का प्रायश्चित करता है, बल्कि जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार भी करता है। गुरु प्रदोष व्रत पर भगवान शिव का अभिषेक करना शुभ फल देता है और जीवन की हर समस्या का समाधान भी प्रदान करता है।


अभिषेक के लिए आवश्यक सामग्रियां


गुरु प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए इन सामग्रियों का उपयोग करना अत्यंत शुभ माना गया है:

  1. पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण, जिसे पंचामृत कहते हैं, भगवान शिव के अभिषेक के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
  2. गंगाजल: पवित्र गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने से पापों का नाश होता है।
  3. बेलपत्र: भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  4. धतूरा एवं भांग: शिवलिंग पर धतूरा और भांग अर्पित करना शिवजी की प्रिय वस्तुओं में शामिल है।
  5. सुगंधित जल: केसर या गुलाबजल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करने से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
  6. चंदन: चंदन का लेप भगवान शिव को शीतलता प्रदान करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  7. चावल: अक्षत (साबुत चावल) भगवान शिव को चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  8. शुद्ध जल: अंत में शुद्ध जल से अभिषेक करना अनिवार्य है।


गुरु प्रदोष व्रत की पूजा विधि


  1. प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।
  2. साफ वस्त्र पहनें और भगवान शिव का ध्यान करें।
  3. व्रत का संकल्प लें।
  4. प्रदोष काल यानी शाम के समय में भगवान शिव का पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें।
  5. शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, चावल और फल अर्पित करें।
  6. धूप-दीप जलाएं और शिव चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र या "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
  7. इस दिन केवल फल और दूध का सेवन करें। पूर्ण आहार का त्याग करें।
  8. मन में सकारात्मकता और शिवजी की आराधना का भाव बनाए रखें।


गुरु प्रदोष व्रत के लाभ


  1. भगवान शिव का अभिषेक करने से धन की कमी दूर होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
  2. इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को कर्ज के बोझ से छुटकारा मिलता है।
  3. व्रत रखने से व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
  4. शिवजी की आराधना करने से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
  5. यह व्रत व्यक्ति के जीवन में सुख- शांति और समृद्धि लाने में भी सहायक सिद्ध होता है।
  6. मान्यता है कि गुरु प्रदोष व्रत करने से बृहस्पति और अन्य ग्रहों से संबंधित दोष भी समाप्त हो जाते हैं।


व्रत में ध्यान रखें ये बातें


  1. व्रत के दौरान क्रोध, नकारात्मकता और बुरी आदतों से दूर रहें।
  2. पूजा के दौरान मन में पूर्ण श्रद्धा और भक्ति का भाव रखें।
  3. भगवान शिव की कथा सुनना और दान करना व्रत का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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