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नारायण मिल जाएगा(Narayan Mil Jayega)

नारायण मिल जाएगा(Narayan Mil Jayega)

प्रेम प्रभु का बरस रहा है

पीले अमृत प्यासे

सातों तीरथ तेरे अंदर

बाहर किसे तलाशे

कण कण में हरि

क्षण क्षण में हरि

मुस्कानों में अंसुवन में हरि


मन की आंखें तूने खोली

तो ही दर्शन पाएगा


पता नहीं किस रूप में आकर

नारायण मिल जाएगा

पता नहीं किस रूप में आकर

नारायण मिल जाएगा


नियति भेद नहीं करती

जो लेती है वह देती है

जो बोएगा वह काटेगा

ये जग कर्मों की खेती है


नियति भेद नहीं करती

जो लेती है वह देती है

जो बोएगा वह काटेगा

ये जग कर्मों की खेती है


यदि कर्म तेरे पावन हैं सभी

डूबेगी नहीं तेरी नाव कभी

तेरी बाँह पकड़ने को

वह भेष बदलकर आएगा


पता नहीं किस रूप में आकर

नारायण मिल जाएगा

पता नहीं किस रूप में आकर

नारायण मिल जाएगा


नेकी व्यर्थ नहीं जाती

हरि लेखा जोखा रखते हैं

औरों को फूल दिए जिसने

उसके भी हाथ महकते हैं


नेकी व्यर्थ नहीं जाती

हरि लेखा जोखा रखते हैं

औरों को फूल दिए जिसने

उसके भी हाथ महकते हैं


कोई दीप मिले तो बाती बन

तू भी तो किसी का साथी बन

मन को मानसरोवर करले

तो ही मोती पाएगा


पता नहीं किस रूप में आकर

नारायण मिल जाएगा

पता नहीं किस रूप में आकर

नारायण मिल जाएगा


कान लगाके बातें सुनले

सूखे हुए दरख्तों की

लेता है भगवान परीक्षा

सबसे प्यारे भक्तों की


एक प्रश्न है गहरा जिसकी

हरि को थाह लगानी है

तेरी श्रद्धा सोना है

या बस सोने का पानी है


जो फूल धरे हर डाली पर

विश्वास तो रख उस माली पर

तेरे भाग में पत्थर है तो

पत्थर भी खिल जाएगा


पता नहीं किस रूप में आकर

नारायण मिल जाएगा

पता नहीं किस रूप में आकर

नारायण मिल जाएगा


पता नहीं किस रूप में आकर

नारायण मिल जाएगा

पता नहीं किस रूप में आकर

नारायण मिल जाएगा

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परीक्षा सफलता पूजा विधि

हिंदू संस्कृति में मनुष्य के जीवन के अलग अलग पड़ावों को संस्कारों के साथ पवित्र बनाया जाता है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण संस्कार है विद्यारंभ संस्कार । यह संस्कार बच्चों के जीवन में शिक्षा की शुरुआत का प्रतीक है।

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भारतीय परंपरा में संगीत को आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति का साधन माना जाता है। इसलिए जब कोई व्यक्ति संगीत सीखने की शुरुआत करता है, तब वो एक संगीत प्रारंभ पूजा करता है।

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कला को साधना कहा जाता है , क्योंकि यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि आत्मा की एक गहरी यात्रा होती है। चाहे वह संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, नाटक या किसी अन्य रूप में हो।

नौकरी प्राप्ति पूजा विधि

भारत देश में बेरोजगारी बड़ी समस्या है। इसका कारण नौकरियों का न होना है। इसी कारण से आज के समय में एक अच्छी नौकरी पाना बहुत से लोगों की जरूरत है। सभी अपने घर का पालन पोषण करने के लिए नौकरी की तलाश में हैं।

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