हम सब मिलके आये,
दाता तेरे दरबार
भर दे झोली सबकी,
तेरे पूर्ण भंडार
हम सब मिलके आये,
दाता तेरे दरबार
भर दे झोली सबकी,
तेरे पूर्ण भंडार
लेकर दिल मे फरियाद,
करते हम तुमको याद
जब हो मुश्किल की घड़िया,
माँगे तुम से इमदाद
सबसे बढ़के ऊँचा,
जग मे तेरा दरबार
भर दे झोली सबकी,
तेरे पूर्ण भंडार
हम सब मिलके आये,
दाता तेरे दरबार
भर दे झोली सबकी,
तेरे पूर्ण भंडार
चाहे दिन हो विपरीत,
होवे तुमसे ही प्रीत
सच्ची श्रद्धा से गावे,
तेरी भक्ति के गीत
होवे सबका प्रभुजी,
तेरे चरणो मे प्यार
भर दे झोली सबकी,
तेरे पूर्ण भंडार
हम सब मिलके आये,
दाता तेरे दरबार
भर दे झोली सबकी,
तेरे पूर्ण भंडार
होवे जब संध्याकाल,
होके निर्मल तत्काल
अपना मस्तक झुकाके,
करके तेरा ख़याल
तेरे दर पे आकर,
बैठे सारा परिवार
भर दे झोली सबकी,
तेरे पूर्ण भंडार
हम सब मिलके आये,
दाता तेरे दरबार
भर दे झोली सबकी,
तेरे पूर्ण भंडार
हम सब मिलके आये,
दाता तेरे दरबार
भरदे झोली सबकी,
तेरे पूर्ण भंडार
हम सब मिलके आये,
दाता तेरे दरबार
भर दे झोली सबकी,
तेरे पूर्ण भंडार
दीपावली का पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन बिहार और यूपी के गांवों में इसे मनाने का एक अनूठा तरीका है। यहां दीपावली की रात महिलाएं सूप पीटने की परंपरा निभाती हैं।
दिवाली भारत का सबसे प्रमुख त्योहार है। लेकिन इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है। उत्तर भारत में यह भगवान राम की अयोध्या वापसी की खुशी में मनाई जाती है।
छठ पूजा की शुरुआत होने में बस कुछ ही दिन बाकी हैं। ये वो समय होता है जब हम सूर्य देव की खास उपासना करते हैं। वैसे तो छठ पर्व खुशहाली और परिवार के कल्याण के लिए मनाया जाता है।
दीवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना कर उनसे धन-वैभव और सुख-शांति की कामना की जाती है।