हनुमान जी मिलेंगे,
राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
हनुमत के सीने में,
बसते है राम जी,
तेरी झोली भरेंगे,
बस राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
लाल लंगोटा सोहे,
हाथों में सोटा,
तेरी रक्षा करेंगे,
बस राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
भक्त शिरोमणि,
हनुमत कहाते,
भय शोक मिटेंगे,
बस राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
हनुमान जी मिलेंगे,
राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
दुर्गा सप्तशती का पाठ देवी दुर्गा की कृपा पाने का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली माध्यम है। इसे 'चंडी पाठ' के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं, जो देवी दुर्गा की महिमा, उनकी विजय और शक्ति का वर्णन करते हैं।
मेरे ओ सांवरे,
तूने क्या क्या नहीं किया,
मेरी अखियाँ तरस रही,
भोले का दीदार पाने को,
मेरे पवनपुत्र हनुमान,
करूं मैं तेरा हर पल ध्यान,