नर से नारायण बन जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥
दुखियों के दुःख हम दूर करें, श्रम से कष्टों से नहीं डरें।
उर में सबके प्रति प्यार भरें, जल बनकर मरुथल में बिखरें।
बाधाओं से टकरा जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥
आलस में दिवस न कटें कभी, सेवा के भाव न मिटें कभी।
पथ से ये चरण न हटें कभी, जनहित के कार्य न छुटें कभी।
दैवी क्षमताएँ विकसायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥
यह विश्व हमारा ही घर हो, उर में स्नेह का निर्झर हो।
मानव के बीच न अन्तर हो, बिखरा समता का मृदु स्वर हो।
पूरब की लाली बन छायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर लोग व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।
सनातन हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का काफी महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन किए गए स्नान और दान विशेष फलदायी होता है।
हिंदू धर्म में, पूर्णिमा का विशेष महत्त्व होता है। प्रत्येक महीने में एक बार पूर्णिमा का व्रत आता है। यह माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा भी की जाती है।
हिंदू धर्म में, पूर्णिमा तिथि को विशेष महत्व दिया गया है। इस दिन जल और प्रकृति में एक अद्भुत ऊर्जा प्रवाहित होती है, जो मानव जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। इस वर्ष माघ पूर्णिमा 2025 और भी विशेष बन गई है।