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आता रहा है सांवरा, आता ही रहेगा (Aata Raha Hai Sanwara, Aata Hi Rahega)

आता रहा है सांवरा, आता ही रहेगा (Aata Raha Hai Sanwara, Aata Hi Rahega)

आता रहा है सांवरा,

आता ही रहेगा,

दीनों की लाज श्याम,

दीनों की लाज श्याम,

बचाता ही रहेगा,

आता रहा है साँवरा,

आता ही रहेगा ॥


गिरते हुए को और ही,

गिराता है जहान,

गिरते हुए को थाम ले,

ऐसा कोई कहाँ,

गिरते को थाम श्याम,

गिरते को थाम श्याम,

उठाता ही रहेगा,

आता रहा है साँवरा,

आता ही रहेगा ॥


हारे का साथ देने की,

मुश्किल बड़ी डगर,

देकर के दान शीश का,

वो हो गया अमर,

माँ को दिया वचन वो,

माँ को दिया वचन वो,

निभाता ही रहेगा,

आता रहा है साँवरा,

आता ही रहेगा ॥


हालात से जो हार कर,

दरबार आ गया,

‘सूरज’ इनसे जीत का,

वरदान पा गया,

हारे हुए को श्याम,

हारे हुए को श्याम,

जीताता ही रहेगा,

आता रहा है साँवरा,

आता ही रहेगा ॥


आता रहा है सांवरा,

आता ही रहेगा,

दीनों की लाज श्याम,

दीनों की लाज श्याम,

बचाता ही रहेगा,

आता रहा है साँवरा,

आता ही रहेगा ॥

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बसंत पंचमी सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती को समर्पित है और हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

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