भाव सुमन लेकर मैं बैठा,
गौरी सुत स्वीकार करो,
हे गणनायक शुभ वरदायक,
हे गणनायक शुभ वरदायक,
आकर सिर पर हाथ धरो,
भाव सुमन लेकर मै बैठा,
गौरी सुत स्वीकार करो ॥
विद्यावारिधि बुद्धिविधाता,
आप दया के सागर हो,
भक्तों के दुःख हरने वाले,
ना तुमसे करुणाकर हो,
रिद्धि सिद्धि के देने वाले,
हम पर भी उपकार करो,
भाव सुमन लेकर मै बैठा,
गौरी सुत स्वीकार करो ॥
लम्बोदर गजवदन विनायक,
विघ्न हरण कर लो सारे,
मोदक प्रिय मुदमंगल त्राता,
दुःख दारिद्र हरने वाले,
लाज तुम्हारे हाथ गजानन,
भव से बेड़ा पार करो,
भाव सुमन लेकर मै बैठा,
गौरी सुत स्वीकार करो ॥
‘आलूसिंह’ तेरी महिमा का,
पार नहीं कोई पाया,
त्रास हरो सांवल की सारी,
द्वार आपके ये आया,
दास तुम्हारे श्री चरणों का,
हम सबके भंडार भरो,
भाव सुमन लेकर मै बैठा,
गौरी सुत स्वीकार करो ॥
भाव सुमन लेकर मैं बैठा,
गौरी सुत स्वीकार करो,
हे गणनायक शुभ वरदायक,
हे गणनायक शुभ वरदायक,
आकर सिर पर हाथ धरो,
भाव सुमन लेकर मै बैठा,
गौरी सुत स्वीकार करो ॥
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। यह व्रत सभी पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यंत महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए एक विशेष दिन माना जाता है, जो हर महीने दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास का शुक्र प्रदोष व्रत 2025 में एक अत्यंत शुभ योग लेकर आ रहा है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता हैI
हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। मोहिनी एकादशी को विशेष रूप से भगवान विष्णु की प्रिय एकादशी माना जाता है। यह एकादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की होती है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।