भोले शंकर मैं तुम्हारा,
लगता नहीं कोई,
पर जितना किया तुमने,
करता नहीं कोई,
भोले शंकर मै तुम्हारा,
लगता नहीं कोई ॥
जब जब भी दिल ये मेरा,
उदास होता है,
तू मेरे पास खड़ा,
अहसास होता है,
ढूंढा तेरे जैसा भोले,
मिलता नहीं कोई,
भोले शंकर मै तुम्हारा,
लगता नहीं कोई ॥
कोई भी मुसीबत को,
ना पास भटकने दे,
बेटे की अँखियों से,
ना आंसू टपकने दे,
जज्बा तेरे जैसा बाबा,
रखता नहीं कोई,
भोले शंकर मै तुम्हारा,
लगता नहीं कोई ॥
जब जब भी पुकारूँ मैं,
जब भी फरियाद करूँ,
मुझे ऐसा लगता है,
तुमको नाराज करूँ,
वो गलती करता हूँ जो,
करता नहीं कोई,
भोले शंकर मै तुम्हारा,
लगता नहीं कोई ॥
‘बनवारी’ प्यार मेरा,
पहचानता नहीं,
मेरी गोद में बैठा है,
तू जानता नहीं,
गोदी में किसी को यूँ ही,
रखता नहीं कोई,
ये मत कहना तू मेरा,
लगता नहीं कोई,
भोले शंकर मै तुम्हारा,
लगता नहीं कोई ॥
भोले शंकर मैं तुम्हारा,
लगता नहीं कोई,
पर जितना किया तुमने,
करता नहीं कोई,
भोले शंकर मै तुम्हारा,
लगता नहीं कोई ॥
अखंड-मंडलाकारं
व्याप्तम येन चराचरम
मोक्षदा एकादशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह त्योहार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति का प्रतीक है।
"दक्षिण का स्वर्ग" कहे जाने वाले अतिसुन्दर राज्य केरल में गुरुवायुर एकादशी का पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है। यह पर्व गुरुवायुर कृष्ण मंदिर में विशेष रूप से मनाया जाता है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।
त्स्य द्वादशी पर सही तरीके से पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और वे प्रसन्न होते हैं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।