आओ आ जाओ भोलेनाथ,
तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,
तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,
जागु दिन और रात,
आओ आ जाओं भोलेनाथ,
आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥
हे शिव शंकर हे प्रलयंकर,
हे जग के रखवाले,
तेरे बिना मेरी कौन सुनेगा,
तेरे बिना मेरी कौन सुनेगा,
दर्दे दिल की बात,
आओ आ जाओं भोलेनाथ,
आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥
मन पंछी बैचेन दरश बिन,
अब तो दरश दिखाओ,
अखियाँ ऐसे बरस रही है,
अखियाँ ऐसे बरस रही है,
सावन की बरसात,
आओ आ जाओं भोलेनाथ,
आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥
विष पिए खुद अमृत बांटे,
तुम सम कोई ना दानी,
‘रामा’ दया की भिक्षा मांगे,
‘रामा’ दया की भिक्षा मांगे,
रख दो सिर पर हाथ,
आओ आ जाओं भोलेनाथ,
आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥
आओ आ जाओ भोलेनाथ,
तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,
तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,
जागु दिन और रात,
आओ आ जाओं भोलेनाथ,
आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥
यशोदा जायो ललना,
मैं वेदन में सुन आई,
यशोमती मैया से बोले नंदलाला
राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला ॥
यशोमती नन्दन बृजबर नागर,
गोकुल रंजन कान्हा,
वैकुंठ एकादशी 10 से 19 जनवरी 2025 तक मनाई जाएगी। वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा बहुत ही शुभ और फलदायी मानी जाती है।