यशोमती नन्दन बृजबर नागर,
गोकुल रंजन कान्हा,
गोपी परण धन मदन मनोहर,
कालिया दमन विधान ।
यशोमति नन्दन बृजबर नागर,
गोकुल रंजन कान्हा ॥
अमलहरी नाम अमिय विलासा,
विपिन पुरंदर नवीन नगरबर,
बंशी बदन सुबासा ।
यशोमति नन्दन बृजबर नागर,
गोकुल रंजन कान्हा ॥
बृजजन पालन असुर कुल नाशन,
नन्द गोधन रखवाला,
गोविन्द माधव नवनीत तस्कर,
सुन्दर नन्द गोपाला ।
यशोमति नन्दन बृजबर नागर,
गोकुल रंजन कान्हा ॥
जामुन तट चल गोपी बसन हर,
रास रसिक कृपामय,
श्री राधावल्लभ बृन्दावन नटवर,
भकती विनोदाश्रय ।
यशोमति नन्दन बृजबर नागर,
गोकुल रंजन कान्हा ॥
यशोमती नन्दन बृजबर नागर,
गोकुल रंजन कान्हा,
गोपी परण धन मदन मनोहर,
कालिया दमन विधान ।
यशोमति नन्दन बृजबर नागर,
गोकुल रंजन कान्हा ॥
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।
सांख्य शास्त्र को आमतौर पर सांख्य दर्शन के नाम से जाना जाता है। ये प्राचीन काल में बहुत अधिक लोकप्रिय रहा है।
वैशेषिक दर्शन शास्त्रों में चतुर्थ नंबर का स्थान रखता है, इस शास्त्र की रचना महर्षि कणाद द्वारा की गई है।
वेदान्त शास्त्र को महर्षि वेदव्यास द्वारा रचा गया है। इस शास्त्र में महर्षि वेदव्यास ने ब्रह्मासूत्र को मूल ग्रंथ माना है।
जैमिनी ऋषि द्वारा रचित मीमांसा शास्त्र में वैदिक यज्ञों में प्रयुक्त होने वाले मंत्रों के विभाग और यज्ञ प्रक्रिया का वर्णन किया गया है।