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गौरी नंदन थारो अभिनंदन, करे सारो परिवार (Gauri Nandan Tharo Abhinandan Kare Saro Parivar)

गौरी नंदन थारो अभिनंदन, करे सारो परिवार (Gauri Nandan Tharo Abhinandan Kare Saro Parivar)

गौरी नंदन थारो अभिनंदन,

करे सारो परिवार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥


बल और बुद्धि को तो,

थारो भंडार है,

तीनो लोक में पहलो,

थारो अधिकार है,

थारी पूजा सबसे पहले,

करे सारो संसार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥


विघ्न विनाशक सारी,

विपदा मिटाओ,

रिद्धि सिद्धि सागे लेकर,

म्हारे घरा आओ,

काम कोई भी करने से पहले,

पड़े थारी दरकार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥


चंदन की चौकी पर म्हे,

थाने बिठावा,

तिलक लगावा ‘भक्ता’,

हार पहनावा,

मोदक लड्डूवा को भोग लगावा,

कर लीजो स्वीकार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥


गौरी नंदन थारो अभिनंदन,

करे सारो परिवार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥

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प्राणो से भी प्यारा, दादी धाम तुम्हारा (Prano Se Bhi Pyara Dadi Dham Tumhara)

प्राणो से भी प्यारा,
दादी धाम तुम्हारा,

खरमास माह में तुलसी पूजा का महत्व

सनातन धर्म में तुलसी का खास महत्व है। तुलसी को लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। इसलिए, बिना तुलसी के श्रीहरि की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। सभी घरों में सुबह-शाम तुलसी पूजा की जाती है।

खरमास में शादी-विवाह क्यों रहते हैं बंद

15 दिसंबर से खरमास शुरू होने वाला है। इस दौरान किसी भी तरह का कोई भी मांगलिक कार्य जैसे:- शादी-विवाह, गृह प्रवेश या फिर मांगलिक संस्कार नहीं किए जाते ।

खरमास की कथा

सनातन धर्म में खरमास को विशेष महत्व बताया गया है। यह एक ऐसा समय होता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में रहते हैं जिसमें मांगलिक कार्य पर रोक रहती है। इस साल खरमास रविवार, 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है जो 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।

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