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हे गणपति हे गणराज, आपका अभिनन्दन (Hey Ganpati Hey Ganraj Aapka Abhinandan)

हे गणपति हे गणराज, आपका अभिनन्दन (Hey Ganpati Hey Ganraj Aapka Abhinandan)

हे गणपति हे गणराज,

आपका अभिनन्दन,

मेरे घर में पधारे आज,

आपका अभिनन्दन,

हें गणपति हें गणराज,

आपका अभिनन्दन ॥


गजवदन विनायक देवा,

सुर नर मुनि करते सेवा,

सुर नर मुनि करते सेवा,

रखते भक्तो की लाज,

आपका अभिनन्दन,

हें गणपति हें गणराज,

आपका अभिनन्दन ॥


पहले पूजा करूँ तुम्हारी,

सह परिवार हूँ मैं आभारी,

सह परिवार हूँ मैं आभारी,

मेरे बिगड़े बनाना काज,

आपका अभिनन्दन,

हें गणपति हें गणराज,

आपका अभिनन्दन ॥


रिद्धि सिद्धि के दाता,

‘महावीर’ तेरे गुण गाता,

‘महावीर’ तेरे गुण गाता,

रज चरणों की दो महाराज,

आपका अभिनन्दन,

हें गणपति हें गणराज,

आपका अभिनन्दन ॥


हे गणपति हे गणराज,

आपका अभिनन्दन,

मेरे घर में पधारे आज,

आपका अभिनन्दन,

हें गणपति हें गणराज,

आपका अभिनन्दन ॥

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गौरा ढूंढ रही पर्वत पर(Gora Dhund Rahi Parvat Pe)

गौरा ढूंढ रही पर्वत पर,
शिव को पति बनाने को,

गौरा ने घोट कर, पीस कर छान कर(Gora Ne Ghot Kar Piskar Chhankar)

गौरा ने घोट कर,
पीस कर छान कर,

26 या 27 नवंबर, कब है उत्पन्ना एकादशी?

उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है।

उत्पन्ना एकादशी के नियम

उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। उत्पन्ना एकादशी की उत्पत्ति का उल्लेख प्राचीन भविष्योत्तर पुराण में मिलता है, जहां भगवान विष्णु और युधिष्ठिर के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद में इसका वर्णन किया गया है।

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