गाइये गणपति सुबहो शाम,
मंगलमूर्ति मंगलकारी,
पावनकारी तेरो नाम,
गाइये गणपति सुबहों शाम ॥
रिद्धि सिद्धि के तुम ही ज्ञाता,
तुम ही देते विद्या ज्ञान,
भक्तजनों के तुम ही ध्याता,
जग सारा है तेरा धाम,
गाइये गणपति सुबहों शाम ॥
तेरी शरण में जो भी आया,
पाए जग में शीतल छाया,
सारा जग है तेरी माया,
सफल करता तू सब काम,
गाइये गणपति सुबहों शाम ॥
गाइये गणपति सुबहो शाम,
मंगलमूर्ति मंगलकारी,
पावनकारी तेरो नाम,
गाइये गणपति सुबहों शाम ॥
जब हम नए घर, दफ्तर या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में प्रवेश करते हैं, तो कई वास्तु नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में इन स्थानों से लाभ मिले, वास्तु दोषों से बचना आवश्यक है। लेकिन कई बार, जाने-अनजाने में कुछ वास्तु दोष रह जाते हैं। ऐसे में गृह प्रवेश के समय हवन-पूजन और नवग्रह मंडल पूजा की जाती है, जिसे वास्तु पूजा कहा जाता है।
हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार विशेष महत्व रखता है। कार्तिक अमावस्या के दिन लक्ष्मी पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की आराधना करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
हिंदू विवाह से पहले कई रस्में और परंपराएं निभाई जाती हैं, जो दूल्हा-दुल्हन के लिए बेहद खास और यादगार होती हैं। ये रस्में न केवल दोनों परिवारों को एक-दूसरे के करीब लाती हैं, बल्कि विवाह के पवित्र बंधन की शुरुआत भी करती हैं। इनमें पारंपरिक गीत, नृत्य और अनुष्ठान शामिल होते हैं, जो विवाह उत्सव को और भी रंगीन व यादगार बना देते हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। वहीं आज बुधवार का दिन है। इस तिथि पर स्वाति नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है।