जय जय देवा जय गणपति देवा,
माता है गौरी पिता महादेवा,
मूषक आपकी सवारी है देवा,
माता है गौरी, पिता महादेवा,
जय जय देवा ॥
एक दन्त दयावन्त चार भुजाधारी,
लड्डुअन का भोग लगे मूसे की सवारी,
भोग लगता मोदक और मेवा,
माता है गौरी पिता महादेवा,
जय जय देवा ॥
सबसे पहले होता है आपका पूजन,
गणपति बप्पा पुकारे सारे भक्तजन,
ऋषि मुनि संत भक्त करे सेवा,
माता है गौरी पिता महादेवा,
जय जय देवा ॥
हिंदू धर्म में संक्रांति तिथि का काफी महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने सूर्य की राशि परिवर्तन पर संक्रांति मनाई जाती है। इस बार मार्गशीर्ष माह में 15 दिसंबर को धनु संक्रांति पड़ रही है।
गंगा नदी को मोक्षदायिनी और जीवनदायिनी कहा जाता है। हिंदू धर्म में देवी के रूप में पूजित, गंगा का जल न केवल शुद्ध है बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सनातन धर्म में भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि जिसकी राशि में भगवान सूर्य शुभ होते हैं, उसका सोया हुआ भाग्य भी जाग उठता है।
पंचाग के अनुसार साल में 12 संक्रांतियां होती हैं। इन्हीं में से एक धनु संक्रांति है जो इस वर्ष 15 दिसंबर को पड़ रही है। धनु संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और इसी दिन से खरमास शुरू होता है।