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धनु संक्रांति सूर्य अर्घ्य में क्या चढ़ाएं

धनु संक्रांति सूर्य अर्घ्य में क्या चढ़ाएं

Dhanu Sankranti 2024: धनु संक्रांति करें सूर्य देव की पूजा, इन चीजों को अर्घ्य में शामिल 


पंचाग के अनुसार साल में 12 संक्रांतियां होती हैं। इन्हीं में से एक धनु संक्रांति है जो इस वर्ष 15 दिसंबर को पड़ रही है। धनु संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और इसी दिन से खरमास शुरू होता है। ऐसे में सूर्य के दुष्प्रभाव और खरमास की अशुभता से बचने के लिए धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन सूर्य को अर्घ्य देते समय जल में कुछ चीजों को मिश्रित करके अर्घ्य देने की सलाह दी जाती है। तो आइए इस आलेख में अर्घ्य देने की प्रक्रिया और लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


धनु संक्रांति में चंदन मिश्रित जल से दें अर्घ्य


जब सूर्य की चाल धीमी हो जाती है तब सूर्य के दुष्प्रभाव मनुष्य के जीवन में आ रहे संकटों के रूप में दिखाई पड़ते हैं। चूंकि, चंदन को शीतलता प्रदान करने वाला माना जाता है। इसलिए, 

ऐसे में अगर खरमास के दौरान सूर्य की स्थिति को कुंडली में शुभ बनाये रखना है तो लाल चंदन मिला हुआ जल सूर्य भगवान को अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि इस तरह से अर्घ्य देने से सूर्यदेव अपने भक्तों को अमंगल से बचाते हैं और उनकी कृपा साधक पर बनी रहती है। 


तिल मिले हुए जल से दें सूर्यदेव को अर्घ्य  


तिल को पितरों का प्रतीक माना गया है। इसके अलावा, तिल का संबंध शनि देव से भी माना गया है। ऐसे में धनु संक्रांति के दिन सूर्य को जल में तिल मिलाकर चढ़ाने से पितृ शांत होते हैं। इससे शनिदेव की कृपा भी साधक पर बनी रहती है और उन्हें शनि दोष से भी मुक्ति मिल जाती है। 


सूर्य को केसर मिश्रित जल से भी दें सकते हैं अर्घ्य


इसके अलावा धन को आकर्षित करने के लिए केसर मिले हुए जल का अर्घ्य सूर्यदेव को दिया जा सकता है। बता दें कि केसर से जुड़े उपाय ज्योतिष में धन लाभ के लिए कारगर माने जाते हैं। ऐसे में धनु संक्रांति के दिन अगर केसर को जल में मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाए तो इससे सूर्यदेव प्रसन्न होकर साधक पर अपनी कृपा बरसाते हैं। इससे भक्तों को भाग्य का साथ भी मिलने लगता है और तरक्की के मार्ग भी प्रशस्त होते हैं।


पुष्प मिले जल से दें अर्घ्य  


अगर बाकी चीजें उपलब्ध ना हो पाएं तो आप धनु संक्रांति के दिन सूर्य को अर्पित किये जाने वाले जल में अपराजिता, गेंदे या गुलाब इत्यादि के पुष्प मिलाकर भी अर्घ्य दे सकते हैं। चूंकि, इन्हें बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए, इन तीनों फूलो में से कोई भी एक फूल जल में डालकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाए तो इससे पारिवारिक शांति बनी रहती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास रहता है और नकारात्मकता खत्म होती है।


नौकरी-व्यवसाय में सफलता के लिए उपाय 


  • धनु संक्रांति के दिन स्नान इत्यादि नित्यकर्म से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। 
  • इसके बाद सूर्यदेव से प्रार्थना करें और उन्हें अर्घ्य दें।
  • अब आसन पर बैठकर कम से कम 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। 
  • ऐसा करने से नौकरी और व्यापार में तरक्की के साथ सफलता मिलती है। 
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स्कंद षष्ठी पारण विधि

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। स्कंद देव यानी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा की जाती हैं।

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